
सीएए व एनआरसी को लेकर दिल्ली में जहां शाहीनबाग में महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं, वहीं देखा-देखी अब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर पर भी नए कानून के खिलाफ धरने पर महिलाएं बैठी हुई हैं, लेकिन आज ये प्रदर्शन हिंसक प्रदर्शन में बदल गया, जिसमें करीब दर्जनभर लोग घायल हो गए।
पुलिस के 37 जवान भी घायल हैं, वहीं एक हेड कांस्टेबल की भी मौत हो गई। जाफराबाद में मौजूद प्रदर्शनकरी ने आईएएनएस से कहा, “हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। ये बवाल सिर्फ कपिल मिश्रा की वजह से हुआ है। वो न मौजपुर जाते और न यहां माहौल खराब होता।”
आईएएनएस ने सवाल पूछा कि आज की हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है? तो जवाब में प्रदर्शनकरी ने कहा कि “पथराव उधर से हुआ, हमारी साइड से कुछ नहीं हुआ, हम तो यहां सड़कें भी चालू कर रखी हैं। किसी को कोई दिक्कत नहीं है।”
बहरहाल जाफराबाद मेट्रो के आस-पास कई सौ लोग अभी भी मौजूद हैं और महिलाएं भी कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बल तैनात है। साथ ही पुलिस के जवान भी यहां मौजूद हैं। दोपहर में हुई आगजनी को देखते हुए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी खड़ी हैं।
जाफराबाद में नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है, तो वहीं करीब 800 मीटर की दूरी पर मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास सीएए के समर्थन में प्रदर्शन हो रहा है। सड़क को बंद करने के विरोध के नाम पर यहां दोपहर में दोनों पक्षों में पथराव हुआ था, वहीं कई गाड़ियों में आग भी लगा दी गई थी।