ग्लासगो गुरुद्वारा में क्यों भारतीय उच्चायुक्त को घुसने से रोका गया, जगतार जोहल का नाम आया सामने, तिहाड़ जेल में है बंद

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों द्वारा ग्लासगो शहर के एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोका जाना यूके के सिख समुदाय और भारतीय उच्चायोग के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों में एक विसंगति को दिखाती है. शीर्ष सूत्रों ने शनिवार को न्यूज़18 को यह जानकारी दी. दोरईस्वामी के स्कॉटलैंड दौरे के समय हुई इस घटना की सूचना ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सरकार को दे दी गई है.

सूत्रों के अनुसार, इस घटना का प्राथमिक कारण खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा के बीच तनाव था, जबकि दूसरा प्रमुख कारण ब्रिटिश-सिख जगतार सिंह जोहल की रिहाई की मांग थी, जो आतंकवाद के आरोप में भारत की हिरासत में है. जोहल के खिलाफ भारत में शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत 10 मामले दर्ज हैं. वह हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में 2017 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

शनिवार को जारी एक बयान में, लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने शुक्रवार शाम को यात्रा को “जानबूझकर बाधित” किया और एक ने अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारा गुरु ग्रंथ साहिब में वरिष्ठ राजनयिकों के पहुंचने पर राजनयिक वाहन को हिंसक रूप से खोलने का भी प्रयास किया.

जैसे ही उन्होंने धमकियां और गालियां दीं, भारत के उच्चायुक्त और महावाणिज्यदूत ने आगे किसी भी विवाद को रोकने के लिए परिसर छोड़ने का फैसला किया. सूत्रों ने न्यूज़18 को बताया कि तीसरा व्यक्ति इस घटना में शामिल नहीं था और वह केवल भारतीय राजनयिकों को विरोध प्रदर्शन के बारे में चेतावनी देने और उन्हें परिसर छोड़ने का आग्रह करने के लिए वहां गया था.

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