देश की राजधानी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) का आगाज हो चुका है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) जिस चेयर से संबोधित कर रहे थे उसके सामने देश का नाम इंडिया की जगह भारत का प्रयोग किया गया था. पीएम मोदी ने अपने भाषण में जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय भारत शब्द का इस्तेमाल किया.
आज प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इंडिया G20 प्रेसिडेंसी की जगह भारत G20 प्रेसिडेंसी का इस्तेमाल किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की G20 प्रेसीडेंसी देश के भीतर और देश के बाहर समावेश और सबका साथ का प्रतीक बन गई है. भारत में ये पीपुल्स G20 बन गया है. करोड़ों भारतीय इससे जुड़े, देश के 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हुईं. इससे पहले पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन स्थल भारत मंडपम पहुंचे विश्व नेताओं से हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया.
NDTV के अनुसार ‘भारत’ नाम का उपयोग विदेशी प्रतिनिधियों के लिए बनाई गई जी20 पुस्तिका में भी किया गया है. इस पुस्तिका का शीर्षक ‘Bharat, The Mother Of Democracy’ है. इसमें कहा गया है, ‘भारत देश का आधिकारिक नाम है… इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी है…’ वहीं सरकार ने जी20 के कई आधिकारिक दस्तावेजों में देश के लिए ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया है. संविधान में देश के लिए ‘इंडिया’ के साथ-साथ ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह एक सोच-समझकर लिया गया फैसला है.
बता दें कि इससे पहले मेहमानों को भी जो निमंत्रण दिया गया उसमें भारत शब्द का इस्तेमाल किया गया था. जिसके बाद भारत के राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ दिनों से भारत और इंडिया नाम का विवाद शुरू हो गया. विपक्ष की ओर से इसे लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इंडिया बनाम भारत की बहस एक बड़े राजनीतिक विवाद में तब्दील हो गई थी, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि भारत का नाम बदलना विपक्षी गुट इंडिया के डर के कारण सरकार की क्लासिक घबराहट प्रतिक्रिया और ध्यान भटकाने की रणनीति है.