कौन हैं वासुदेव देवनानी, जो बने राजस्थान के विधानसभा स्पीकर, अजमेर उत्तर से हैं विधायक

अजमेर उत्तर से लगातार पांचवीं बार के बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी को राजस्थान का विधानसभा स्पीकर बनाया गया है. वहीं, भजन लाल शर्मा को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है. साथ ही, दीया कुमार और प्रेम चंद बैरवा डिप्टी सीएम बनाया गया है. भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव वसुधंरा राजे ने रखा था, जिसका विधायक दल की बैठक में समर्थन किया गया.

कैसा रहा वासुदेव देवानानी है राजनीतिक करियर?
वासुदेव देवनानी लगातार अजमेर उत्तर से लगातार पांचवीं बार जीत हासिल की है. देवनानी कम उम्र में आरएसएस और बाद में इसकी छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हो गए हैं. जिसके बाद उन्होंने नौ साल तक राजस्थान के राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. देवनानी पहली बार 2003 में अजमेर उत्तर की सीट से विधायक चुन कर आए थे. इसके बाद 2008 ओर 2013 में फिर चुने गए. वह 2003 से 08 में वसुंधरा राजे सरकार में तकनीक शिक्षा राज्य मंत्री थे. इसके बाद 2013-18 तक वसुंधरा सरकार में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री थे.

पेशे से इंजीनियर हैं देवनानी
अजमेर में जन्में वासुदेव देवनानी ने एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वह एक अकादमिक करियर में आगे बढ़े और उदयपुरा में विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के डीन बने और उनका विवाह रिटायर्ड स्कूल शिक्षिका इंदिरा देवनानी से हुआ है. उनका एक बेटा और दो बेटियां हैं.

लगातार पांचवीं बार से हैं विधायक 
अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र राजनीतिक खींचतान का गवाह रहा है. अजमेर उत्तर के निवर्तमान विधायक वासुदेव देवनानी हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक प्रमुख चेहरा हैं. 2018 में हुए पिछले चुनावों में, वासुदेव देवनानी ने 132,947 वैध वोटों में से कुल 67,881 वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की थी. कांग्रेस के उम्मीदवार, महेंद्र सिंह रलावता पर उनकी जीत 8,630 वोटों के महत्वपूर्ण अंतर से हुई. अजमेर उत्तर के राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव आए. 2013 में, भाजपा के वासुदेव देवनानी कांग्रेस के डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को 20,479 वोटों के प्रभावशाली अंतर से पीछे छोड़कर विजयी हुए थे. दूसरी ओर, 2008 का चुनाव बेहद रोमांचक था क्योंकि वासुदेव देवनानी ने डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के खिलाफ सिर्फ 688 वोटों की मामूली बढ़त के साथ सीट हासिल की थी.

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