केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि कोझिकोड जिले में निपाह का प्रकोप नियंत्रण में है, लेकिन संक्रामक बीमारी का खतरा अभी टला नहीं है. उन्होंने कहा कि फिलहाल निपाह प्रकोप की दूसरी लहर की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह नहीं कहा जा सकता कि निपाह का खतरा पूरी तरह टल गया है.’’ विजयन ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य तंत्र घातक वायरस के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोक सकता है. ‘स्वास्थ्य तंत्र सावधानी से काम कर रहा है. वायरस का जल्दी पता चलने से खतरनाक स्थिति टल गई.’
बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विजयन ने कहा कि वर्तमान में 994 लोग निगरानी में हैं. उन्होंने बताया कि 304 लोगों के नमूने एकत्र किए गए और इनमें से 267 लोगों के परीक्षण परिणाम प्राप्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि छह लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई और नौ लोग कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में निगरानी में हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) भी इस बात का स्पष्ट जवाब नहीं दे सका कि कोझिकोड जिले से निपाह के मामले क्यों सामने आ रहे हैं. इससे पहले 2018 और 2021 में कोझिकोड जिले से निपाह के मामले सामने आए थे.
352 लोग हाई-रिस्क की श्रेणी में
एक दिन पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज की तरफ से बताया गया था कि फिलहाल निपाह वायरस का कोई ताजा मामला रिपोर्ट नहीं किया गया है. इस घातक वारयस की चपेट में आए लोगों में से हाई-रिस्क वाले 61 के सैंपल लिए गए थे, जिसमें नर्सिंग स्टाफ भी शामिल है. इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है. ब्रेन को डैमेज करने वाले इस वायरस के संपर्क में आए 1,233 लोगों को चिन्हित किया गया, जिसमें से 352 को हाई-रिस्क की श्रेणी में रखा गया है.