सुप्रीम कोर्ट में कुछ संवेदनशील मामलों की लिस्टिंग में कथित अनियमितता और नियमों की अनदेखी के आरोप पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने दो टूक कहा कि ‘इस तरह के आरोप लगाना और चिट्ठी लिख देना बहुत आसान है…’ आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सत्येंद्र जैन की याचिका का जिक्र करते हुए सीजेआई ने कहा कि मेडिकल इमरजेंसी के चलते बेंच बदली गई, न कि किसी साजिश के चलते, जैसा आरोप लगाया जा रहा है.
सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) ने स्पष्ट किया कि जस्टिस एएस बोपन्ना बीमार चल रहे हैं, इसलिये सत्येंद्र जैन की याचिका जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच के सामने लिस्ट हुई. पहले जस्टिस बोपन्ना की बेंच आप नेता सत्येंद्र जैन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
CJI ने बताया- क्यों देनी पड़ी सफाई?
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा कि इस स्पष्टीकरण की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि तमाम ख़त तैर रहे हैं और सवाल किया जा रहा है कि आखिर केसेज को एक बेंच से दूसरे बेंच के पास शिफ्ट क्यों किया जा रहा है? सीजेआई ने कहा कि इस तरह के आरोप लगा देना और चिट्ठी लिख देना बहुत आसान है.
केसेज की लिस्टिंग में किसी भी तरह की अनियमितता अथवा नियमों की अनदेखी को पूरी तरह नकारते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता का केस जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच के सामने इसलिए लिस्ट हुआ क्योंकि जस्टिस बोपन्ना दिवाली की छुट्टियों के बाद से ही मेडिकल लीव पर हैं.
‘मैं किसी जज पर दबाव नहीं डाल सकता’
सीजेआई ने कहा कि जस्टिस बोपन्ना के ऑफिस की तरफ से हमें इस बारे में सूचना मिली है और बताया गया है कि स्वास्थ्य कारणों से वह दिवाली की छुट्टियों के बाद अपना कामकाज नहीं संभाल सके हैं. उन्होंने रजिस्ट्री को लिखा था कि वह जिन मामलों की सुनवाई कर रहे थे उस डी-पार्ट करके सुना जाए. मैं किसी जज पर किसी मुकदमे को सुनने के लिए दबाव नहीं डाल सकता.
आखिर किसकी चिट्ठी का हवाला?
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के इस बयान को सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण की चिट्ठी से जोड़कर देखा जा रहा है. दोनों एडवोकेट ने अपनी चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट में केसेज की लिस्टिंग में अनियमितता का आरोप लगाया था.