एशिया कप में भी टीम इंडिया वेस्टइंडीज वाला फॉर्मूला अपनाएगी, ऐसे कैसे रोहित ब्रिगेड जीतेगी वर्ल्ड कप?

टीम इंडिया ने एशिया कप और वनडे विश्व कप के लिए कॉम्बिनेशन फाइनल करने के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में काफी एक्सपेरमिंट किए थे, जो टी20 सीरीज में भी जारी हैं. हालांकि, इसके बाद भी कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को मनमाफिक सफलता मिलती नहीं दिख रही. चार नंबर का पेंच अबतक फंसा हुआ है. ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा ने साफ कर दिया है कि एशिया कप में भी टीम प्रयोग कर रहेगी. अब सवाल ये है कि विश्व कप से महीने भर पहले तक अगर टीम एक्सपेरिमेंट ही करेगी तो 12 साल बाद कैसे विश्व विजेता बनेगी?

एशिया कप में 19 दिन और वर्ल्ड कप के शुरू होने में अब 60 दिन से भी कम का वक्त बचा है. इस बार विश्व कप पहली बार पूरी तरह भारत में होने जा रहा, तो फैंस को टीम इंडिया से 2011 के करिश्मे की उम्मीद हैं. विश्व कप में इतना कम वक्त बचा है तो ऐसे में उम्मीद तो यही की जानी चाहिए कि भारतीय टीम भी फाइनल हो चुकी होगी. कौन फाइनल 15 होंगे? ये तय हो गया होगा. ओपनिंग कौन करेगा? मध्यक्रम में कौन खेलेगा? विकेटकीपर कौन होगा? नई गेंद कौन संभालेगा? इन सवालों के जवाब ढूंढ लिए गए होंगे लेकिन कप्तान रोहित शर्मा के एक बयान ने बैचेनी बढ़ा दी है.

रोहित शर्मा ने एक दिन पहले ही कहा था कि अभी भी ऐसे बहुत से सवाल हैं, जिनके हमें जवाब चाहिए. एशिया कप में, मैं कुछ खिलाड़ियों को अच्छी टीमों के खिलाफ दबाव में बल्लेबाजी करते हुए देखना चाहता हूं. मैं अभी भी उन चीजों को देखना चाहता हूं, इसलिए हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या होता है. रोहित की इसी बात ने साफ कर दिया कि टीम इंडिया की विश्व कप की तैयारी अभी भी अधूरी है. अबतक 15 फाइनल 15 तय नहीं हुए हैं और एशिया कप में भी प्रयोग होगा. अब सवाल ये है कि जब विश्व कप से दो महीने पहले भी टीम इंडिया प्रयोग करेगी तो फिर खिताब कैसे जीतेगी?

वेस्टइंडीज के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज में रोहित शर्मा ही टीम इंडिया के कप्तान थे. विराट कोहली भी उस टीम का हिस्सा थे. लेकिन विराट कोहली पहले मैच के प्लेइंग-11 में थे. इसके बाद के दोनों मैच वो खेले ही नहीं और पहले मैच में भी बैटिंग के लिए नहीं उतरे थे. रोहित पहले वनडे में 7वें नंबर पर उतरे थे और अगले दो मैच में वो भी नहीं उतरे. विराट-रोहित की जगह उन खिलाड़ियों को तीनों वनडे में मौका दिया गया, जो केएल राहुल और श्रेयस अय्यर के पूरी तरह फिट होने की सूरत में जगह लेने को तैयार रहे. इस एक्सपेरिमेंट का भी कुछ खास फायदा होता नहीं दिखा.

सूर्यकुमार यादव और संजू सैमसन को मध्यक्रम में मौका मिले लेकिन दोनों ही बैटर अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे. इसके बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट की तरफ से यही कहा गया कि अब एशिया कप में प्रयोग नहीं होंगे और तय प्लेइंग-11 के साथ ही टीम उतरेगी. लेकिन, चोटिल खिलाड़ियों की रिकवरी ने टीम इंडिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है और कप्तान रोहित ने यह कह दिया कि हम एशिया कप में भी अपने सवालों के जवाब ढूंढेंगे यानी एक्सपेरिमेंट चलते रहेंगे.

रोहित ने साफ कर दिया है कि किसी का भी सेलेक्शन ऑटोमैटिक नहीं है, खुद मेरा भी नहीं. रोहित ने कहा कि कुछ खिलाड़ियों का एशिया कप में खेलना तय है लेकिन, हर खिलाड़ी को अपने स्थान को पक्का करने के लिए प्रदर्शन करना होगा. हमें कुछ सवालों के जवाब चाहिए इसलिए दबाव भरे मुकाबलों में कुछ बल्लेबाजों का खेल देखना चाहेंगे.

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