
सरकार यदि एजीआर बकाए के जरिए 1.20 लाख करोड़ रुपये वसूलने में कामयाब हो गई तो सरकार का राजकोषीय गणित बदल सकता है। इसके परिणामस्वरूप मौजूदा वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा घटकर जीडीपी का 3.5 प्रतिशत हो जाएगा।
एसबीआई ने एक शोध रपट में कहा है, 16 मार्च, 2020 (इस तिथि तक दूरसंचार कंपनियों को अपना एजीआर बकाए का भुगतान करना है) के बाद राजकोषीय गणित काफी बदल जाएगा। यदि हम मान लें कि सरकार एजीआर के जरिए 1.20 लाख करोड़ रुपये वसूल लेती है तो वित्त वर्ष 2020 का राजकोषीय घाटा घटकर जीडीपी का 3.5 प्रतिशत हो जाएगा।
वित्तमंत्री सीतारमण ने हाल में घाटे को मौजूदा वित्त वर्ष में 3.3 प्रतिशत से 0.5 प्रतिशत बढ़ाने के लिए बजट में एफआरबीएम अधिनियम के तहत एस्केप क्लॉज के इस्तेमाल की घोषणा की थी।
एजीआर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने की स्थिति में अदालत की नाराजगी का सामना करने के बाद दूरसंचार विभाग दूरसंचार कंपनियों पर बकाए के भुगतान के लिए दबाव बनाने जा रही है। आंशिक भुगतान के रूप में सरकार ने एजीआर बकाए के रूप में सोमवार को 14,700 करोड़ रुपये दूरसंचार कंपनियों से वसूल लिए।