
पेपर लीक होने के साथ ही अन्य कई प्रतियोगी परीक्षा में धांधली के कारण चर्चा में आए उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को नया अध्यक्ष मिलेगा। अध्यक्ष डॉ. अनिरुद्ध यादव का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है। इनके स्थान पर सेवानिवृत आइएएस अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। डॉ. प्रभात कुमार के नाम पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संस्तुति प्रदान की है।
भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर लंबे समय से चर्चा में रहे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की साख बचाने की जिम्मेदारी अब प्रदेश के तेज तर्रार आइएएस अधिकारी रहे प्रभात कुमार की होगी। राज्य सरकार ने उन्हें आयोग का अगला अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संस्तुति के बाद नियुक्ति की फाइल राज्यपाल राम नाईक के पास अनुमोदन के लिए भेज दी गई है। वह एक जुलाई को कार्यभार ग्रहण कर सकते हैैं। आयोग के वर्तमान अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैैं।
राज्यपाल राम नाईक का आज रात ही मुंबई से लौटने का कार्यक्रम है। कल उनके अनुमोदन के बाद डॉ. प्रभात की नियुक्ति के आदेश जारी हो जाएंगे। डॉ. कुमार का कार्यकाल 62 वर्ष की उम्र तक रहेगा। 1985 बैच के आइएएस डॉ. प्रभात 30 अप्रैल को कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ ही अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा, यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी स्वच्छ और भ्रष्टाचार विरोधी छवि है। उन्होंने सहकारिता समेत कई विभागों में भ्रष्टाचार की जांच की और भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाई। मेरठ के मंडलायुक्त, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सहित कई अहम पदों पर डॉ. कुमार रहे हैैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. प्रभात कुमार की साख को देखते हुए उप्र लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष के लिए अपनी मंजूरी दी है। पिछली सरकारों में उप्र लोकसेवा आयोग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैैं। अभी हाल में ही एलटी ग्रेड परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी तक हुई। सरकार ने अब आयोग की छवि सुधारने के लिए पहल की है। राज्य की सेवाओं के बड़े पदों पर भर्तियों की सबसे बड़ी इस स्वायत्तशासी संस्था में डॉ. प्रभात कुमार की नियुक्ति से सुधार की उम्मीद बढ़ी है।
बेहद अहम माने जाने वाले पद कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के पद पर कार्यरत 1985 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार बीती 30 अप्रैल को रिटायर हो गए थे। डॉ. प्रभात कुमार के रिटायर होने के बाद मुख्य सचिव के बाद दूसरी सबसे बड़ी कुर्सी एपीसी खाली हो गई थी।
मेरठ मंडल के कमिश्नर के रूप में कई घोटालेबाजों को जेल भेजने वाले डा. प्रभात कुमार से उम्मीद की जा रही है कि वह उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की बिगड़ गई छवि को सुधारने का प्रयास करेंगे। मृदभाषी डॉ. प्रभात कुमार आइएएस में आने से पहले चिकित्सक थे। मेरठ के मंडलायुक्त के रूप में प्रभात ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया। भ्रष्टाचार के कई घोटाले उजागर हुए। कई अधिकारी और कर्मचारी जेल भेजे गए। प्रदेश में अक्षम कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की शुरुआत डॉ. प्रभात कुमार ने ही मेरठ में शुरू की, जिसे बाद में प्रदेश भर में अभियान चलाकर लागू किया गया।
इसके साथ ही डॉ. प्रभात कुमार ने हिंडन नदी के पुनरुद्धार का बड़ा अभियान चलाया। डा. अनिरुद्ध सिंह यादव को 10 मई को तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव की संस्तुति पर राज्यपाल राम नाईक ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कियाा था। उप्र लोकसेवा आयोग के मौजूदा अध्यक्ष डा.अनिरुद्ध सिंह यादव का एक भी शैक्षिक रिकॉर्ड आयोग कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सीबीआई जांच कराने का मामला अब विवादित होता जा रहा है और मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
सरकार और आयोग के बीच तलवार खिंच गई और अपनी स्वायत्तता को लेकर आयोग ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में सरकार के विरुद्ध याचिका हाईकोर्ट में सरकार के विरुद्ध याचिका दाखिल करने के बाद लखनऊ तलब हुए आयोग के अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में मुलाकात की लेकिन इस मुलाकात का कोई सार्थक संदेश बाहर नहीं आ सका। लखनऊ में सीएम से मुलाकात के बाद भी अनिरुद्ध यादव नहीं झुके।