नेशनल कॉन्फ्रेंस के दिग्गज नेता फारूक अब्दुल्ला ने News18 को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि मेरे पिता शेख अब्दुल्ला को जवाहरलाल नेहरू ने जेल में डाल दिया था, लेकिन फिर भी मैं उनके लिए बुरे शब्द इस्तेमाल नहीं करूंगा क्योंकि नेहरू के कारण ही कश्मीर आज भारत का हिस्सा है. उनका यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कश्मीर स्थिति पर उठाए गए गलत कदमों के लिए नेहरू को दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद आया है.
अब्दुल्ला ने संसद के बाहर News18 को बताया कि ‘वे (भाजपा) नेहरू को कलंकित करना चाहते हैं, क्या उन्होंने 17 वर्षों में कुछ नहीं किया? अगर नेहरू न होते तो कश्मीर भारत का हिस्सा न होता. मैं आपको स्पष्ट रूप से बता दूं…कश्मीर कभी भी भारत का हिस्सा नहीं होता. यह (पाकिस्तान) एक मुस्लिम बहुल देश है और हम पाकिस्तान जाते. यह नेहरू ही थे जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कश्मीर, भारत के साथ रहे. ये वो भूल जाते हैं.
नेहरू ने जो किया है, उसे देश कभी भूल नहीं सकता
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उनके मन में नेहरू के लिए क्या नफरत है? मुझे समझ नहीं आता. मेरे पिता को नेहरू ने जेल में डाल दिया था, फिर भी मैं उनमें से नहीं हूं जो उन्हें बुरा कहूं क्योंकि उन्होंने इस देश के लिए बहुत कुछ किया. उन्होंने हमारे लिए जो किया है उसे यह देश कभी नहीं भूल सकता. आज, अगर हम गर्व से खड़े हैं, तो उस राष्ट्र की नींव नेहरू ने रखी थी.’
नेहरू की दो भूले, कश्मीर की समस्याओं के लिए जिम्मेदार
बुधवार को संसद में बोलते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले 70 वर्षों से कश्मीर की समस्याओं को नेहरू की “दो भूलों” के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि नेहरू की सबसे बड़ी गलती यह थी कि जब भारतीय सेना जीत रही थी, तो युद्धविराम की घोषणा की गई और पीओके अस्तित्व में आया… अगर संघर्षविराम में तीन दिन की देरी होती तो पीओके भारत का हिस्सा होता. दूसरी गलती हमारे मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना था.’