‘लाइव मिंट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय के एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में नोटिस के कैप्शन में लिखा गया कि ‘इस्लामिक मामलों और मार्गदर्शन मंत्रालय रमजान 1445 हिजरी के पवित्र महीने के दौरान मस्जिदों से संबंधित कई निर्देश जारी करता है.’ इस आदेश में कहा गया है कि साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में इमाम और मुअज्जिन रोजेदारों और अन्य लोगों के लिए इफ्तार दावत के लिए वित्तीय दान नहीं लेंगे. नोटिस में मस्जिदों के अंदर इफ्तार की दावतें आयोजित करने पर सही ढंग से साफ-सफाई नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया गया है. जिसमें इमाम और मुअज्जिन को मस्जिदों के भीतर इन दावतों के आयोजन की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है.
मस्जिदों में इफ्तार नहीं
सऊदी अरब के मंत्रालय ने उन पर दावत खत्म होने के तुरंत बाद सफाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी है. मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है कि साफ-सफाई की चिंताओं के कारण मस्जिदों के अंदर इफ्तार कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाने चाहिए. इसलिए मस्जिदों के परिसर में अस्थायी कमरों, तंबू आदि के उपयोग के बिना एक उचित जगह तैयार किया जाना चाहिए और इफ्तार किया जाना चाहिए. इमाम और मुअज्जिन की जिम्मेदारी के तहत, रोजा तोड़ने वाले का दायित्व है कि वह खाना खत्म करने के तुरंत बाद उस जगह को साफ करे.
मस्जिदों में कैमरों का उपयोग नहीं
इसके अलावा, मंत्रालय ने मस्जिद परिसर के अंदर कैमरों के उपयोग को हतोत्साहित करते हुए कहा कि उनका उपयोग इमाम और नमाज अदा करने वाले उपासकों को रिकॉर्ड करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. इससे उपासकों की श्रद्धा कमजोर होती है. मंत्रालय ने यह भी आदेश जारी किया कि नमाज को सोशल मीडिया सहित किसी भी तरह के मीडिया पर प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए. इसलिए प्रार्थना के समय मस्जिद परिसर के अंदर किसी भी कैमरे की अनुमति नहीं दी जाएगी, और मेहमानों को फिल्मांकन से परहेज करने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा अधिकारियों को इस महत्वपूर्ण समय के दौरान गैर-मौजूद रहने से बचने और समय की पाबंदी बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए.