28 वर्ष के इस रिस्ट स्पिनर की पहचान भारतीय टीम के ‘मिस्ट्री बॉलर’ के तौर पर है. करीब सात साल के इंटरनेशनल करियर में अपनी भरपूर क्षमता दिखाने के बावजूद कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को भले ही टेस्ट क्रिकेट में कम मौका मिला हो लेकिन वनडे और टी20I में उन्होंने विकेटों का अंबार लगाया है. 14 दिसंबर 1994 को यूपी के कानपुर में जन्मे कुलदीप जब 10 साल की कच्ची उम्र में क्रिकेट की कोचिंग के लिए गए तो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बनना चाहते थे. पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम उनके आदर्श हुआ करते थे लेकिन क्रिकेट के शुरुआती दौर में ही कोच कपिल पांडे ने भांप लिया कि कुलदीप में अच्छा तेज गेंदबाज बनने लायक ‘कौशल’ नहीं है.
उन्होंने कुलदीप को रिस्ट स्पिनर बनने की सलाह दी. कुलदीप ने सलाह पर अमल करते हुए अपनी गेंदबाजी को तराशने के लिए घंटों नेट पर मेहनत की और खुद को देश के बेहतरीन चाइनामैन बॉलर के तौर पर स्थापित किया. वे आज शॉर्टर फॉर्मेट के क्रिकेट में भारतीय टीम (Team India) की जरूरत बन चुके हैं. वर्ल्डकप 2023 में कुलदीप यादव की बलखाती गेंदों का सामना करना विपक्षी बल्लेबाजों के लिए टेढ़ी खीर रहा. टूर्नामेंट के 11 मैचों में उन्होंने 28.26 के औसत और 4.45 की इकोनामी से 15 विकेट हासिल किए.
किसी भी गेंदबाज के लिए करियर में एक ही हैट्रिक लेना बड़ी उपलब्धि माना जाता है लेकिन कुलदीप चार बार हैट्रिक ले चुके हैं. एक बार अंडर-19 वर्ल्डकप में भारतीय टीम के सदस्य के तौर पर, एक बार इंडिया ए की ओर से न्यूजीलैंड के खिलाफ और दो बार भारतीय सीनियर टीम की ओर से खेलते हुए उन्होंने ऐसा किया है. वर्ष 2014 में उन्होंने भारतीय अंडर-19 टीम के सदस्य के तौर पर स्कॉटलैंड के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट की पहली हैट्रिक ली. उन्होंने लगातार गेंदों पर स्कॉटिश टीम के फैरार, स्टर्लिंग और एलेक्स बाम को आउट करके हैट्रिक दर्ज की थी.