आर्थिक सलाहकार परिषद ने सुब्रह्मण्यम के शोध-पत्र को खारिज किया

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने देश में साल 2011 के बाद जीडीपी के आंकड़े को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन के दावे को बुधवार को खारिज कर दिया। पीएमईएसी ने कहा कि पूर्व सीईए का विश्लेषण अपनी सुविधानुसार उच्च आवृत्ति वाले संकेतकों पर आधारित है जबकि उन्होंने सेवा, कृषि और बेहतर कर संग्रह के आंकड़ों को अनदेखा किया है।

पीएमईएसी ने सुब्रमण्यन पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने निजी एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों पर आंख मूंदकर भरोसा किया और सरकारी संस्थान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों पर विश्वास नहीं किया।

सुब्रमण्यन के शोध पत्र की बातों का बिंदुवार जवाब देते हुए परिषद ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि एक बड़ी और जिम्मेदार अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान का तरीका वैश्विक मानकों के अनुरूप है। इस रिपोर्ट को अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय, रथिन रॉय, सुरजीत भल्ला, चरण सिंह और अरविंद बिरमानी ने मिलकर तैयार किया है।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *