भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भले 500 टेस्ट विकेट हासिल कर लिए हों, बावजूद इसके उनके लिए यह सफर आसान नहीं रहा है. अश्विन ने भी लाइफ में उतार चढ़ाव का सामना किया है. इस दिग्गज स्पिनर को एक समय लगने लगा था कि उनका करियर अब खत्म हो गया है लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार कड़ी मेहनत करते रहे. अश्विन में हमेशा सर्वश्रेष्ठ बनने की इच्छा रही है लेकिन 2018-19 के बीच ऐसा दौर भी आया जब इस दिग्गज स्पिनर को लगा कि उनके लिए सब कुछ खत्म हो गया है. अपने 98वें टेस्ट में खेलते हुए अश्विन ने अपने करियर के उस बुरे दौर के बारे में बात की.
आर अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने भारत बनाम इंग्लैंड दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म के बाद ‘जियो सिनेमा’ पर अनिल कुंबले से बातचीत में बताया, ‘मेरे लिए जीवन उतार-चढ़ाव के बारे में रहा है और मेरे लिए सबसे बुरा दौर मेरे जीवन में 2018 और 2019 के बीच का चरण था. मैं आईसीसी का साल का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बना था और मैं दुनिया में शीर्ष पर था. और वहां से गर्त में जाना वास्तव में मेरे जीवन का सबसे बुरा समय था.’
मुझे नहीं पता था कि मैं फिर क्रिकेट का लुत्फ उठा पाउंगा या नहीं?
अश्विन ने कहा कि यह वह दौर था जब उन्हें नहीं पता था कि वह कभी क्रिकेट खेलने का लुत्फ उठा भी पाएंगे या नहीं. यह 2018 की बात है जब पेट की चोट के कारण अश्विन साउथम्पटन में स्पिन की पूरी तरह से अनुकूल पिच पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए और इंग्लैंड के खिलाफ भारत टेस्ट मैच हार गया. वर्ष के अंत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज भी उतनी ही खराब थी क्योंकि एडीलेड में पहले टेस्ट में 86 ओवर फेंकने के बाद उन्होंने उस सीरीज में बाकी मैच नहीं खेले और तत्कालीन कप्तान विराट कोहली को उनसे सुधार करने का आग्रह करना पड़ा.
‘मैं अपनी पत्नी से बात करता हूं’
अश्विन ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन यह वही दौर था जिसके बारे में उन्होंने बात की थी जब उन्हें नहीं पता था कि वापसी करने का तरीका क्या है. बकौल अश्विन, ‘आम तौर पर मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो जीवन के उतार-चढ़ाव से परेशान हो जाए क्योंकि जब मेरा दिन अच्छा होता है तो मैं बस अपने माता-पिता, अपनी पत्नी से बात करता हूं और अच्छी फिल्म देखता हूं और सो जाता हूं इसलिए जब प्रदर्शन खराब होता है तो मैं परेशान नहीं होता. मैं इसके बारे में सोचता हूं और हमेशा इसके दूसरे पहलू को सामने पाता हूं. लेकिन वह मेरे लिए वास्तव में एक अंधेरी सुरंग थी क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या हुआ है और मैं वहां कैसे पहुंचा. और फिर मुझे कुछ चोटें लगी और यह बेहद बुरा दौर था और जब मैंने सोचा, मेरा करियर खत्म हो गया है.’
कोविड महामारी के दौरान अश्विन को सोचने का समय मिला
2020 में कोविड-19 महामारी थी जिससे आर अश्विन को अगले दो वर्षों में सोचने का समय मिला और उन्होंने फिर क्रिकेट के अपने प्यार को खोज लिया. अश्विन पूर्व कप्तान अनिल कुंबले के बाद 500 टेस्ट विकेट हासिल करने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने. अश्विन यह उपलब्धि हासिल करने वाले सिर्फ तीसरे ऑफ स्पिनर हैं. वह कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज भी हैं. कुंबले के नाम 619 टेस्ट विकेट दर्ज हैं.