
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में हुए पुलिस के लाठीचार्ज के खिलाफ सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में पुलिस ने बर्बरता की सभी हदें पार कर दीं और मैं इसकी घोर निंदा करता हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री और आजमगढ़ सांसद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि हर मंच से गोली की बात करने वाले संवैधानिक मूल्यों की बात कब करेंगे? शांतिपूर्वक धरना लोगों का संवैधानिक अधिकार है। आजमगढ़ में पुलिस ने बर्बरता की सभी हदें पार कर दी और मैं इसकी घोर निंदा करता हूं! पार्टी के विधायक और संगठन बिलरियागंज में लोगों की सेवा कर रहे हैं!
आजमगढ़ में शुरू हुआ था शाहीन बाग जैसा धरना-प्रदर्शन
जिले के बिलरियागंज कस्बे के मौलाना जौहर अली पार्क को शाहीन बाग बनाने की कोशिश बुधवार की तड़के चार बजे धरनारत महिलाओं के समर्थन में खड़े युवाओं की गिरफ्तारी शुरू हुई तो वे पथराव करने लगे। जिससे एसपी सिटी समेत सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ कर प्रदर्शन करने वालों को खदेड़ दिया। सुबह मैदान में टैंकर से पानी भरवा दिया गया। एसओ की तहरीर पर 35 नामजद और 100 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मौलाना ताहिर मदनी समेत 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें पुलिस तीन लोगों की पहचान कर उन पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 25-25 हजार का इनाम घोषित किया है।
नागरिकता संशोधन कानून(सीएए), एनआरसी(राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के विरोध में मुस्लिम महिलाएं मंगलवार दोपहर बिलरियागंज के मौलाना जौहर अली पार्क में धरने पर बैठ गईं। इसकी अनुमति भी नहीं ली गई थी। सूचना पर पुलिस ने समझाया, न मानने पर जन प्रतिनिधियों की मदद ली गई लेकिन महिलाएं धरने पर अड़ी रहीं।
मंगलवार की शाम पांच बजे मौलाना ताहिर मदनी, पूर्व चेयरमैन मो. आरिफ ने भी समझाया। रात दस बजे क्षेत्रीय विधायक नफीस अहमद ने भी धरना खत्म करने की अपील की। रात एक बजे डीएम दूसरी बार पहुंचे और देर रात ढाई बजे तक महिलाओं को समझाने का प्रयास किया।
पुलिस के अनुसार, महिलाएं कई बार वापस जाने को हुई लेकिन पीछे गलियों में खड़े युवा उन्हें वापस भेज दे रहे थे। भोर में साढ़े तीन बजे पुलिस ने युवाओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद महिलाएं वहां से भाग निकलीं। पथराव में एसपी सिटी, एक महिला और पांच पुरुष कांस्टेबल घायल हो गए। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। फिर लाठीचार्ज कर उन्हें पार्क से खदेड़ दिया।