लोकसभा में घुसपैठ करने वाले दो लोगों में से एक आरोपी को दबोचने वाले सांसद हनुमान बेनीवाल ने उस समय दिलेरी दिखाई जब कुछ सदस्य घबराकर इधर-उधर भाग रहे थे. इस घटनाक्रम के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि अच्छे से इलाज कर दिया है, अब दोबारा नहीं कूदेंगे लेकिन इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर ये किसके विजिटर्स थे… क्या ये किसी मंत्री के विजिटर थे? आखिर किसकी मदद से इनके पास बने और कौन था जिसके कारण ये संसद में दाखिल हो सके… पूरी जांच होनी चाहिए कि आखिर कौन दोषी है? क्या इसमें सुरक्षा अफसर ही दोषी हैं या फिर कोई और… लेकिन कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
दरअसल, संसद में बुधवार दोपहर करीब 1 बजे अचानक दो लोगों के घुस जाने और फिर वहां पर धुएं के पटाखे छोड़ दिए गए थे. संसद के भीतर इस घटनाक्रम से सनसनी फैल गई थी. पहले लगा कि शायद कोई गिर गया है, लेकिन धुएं को देखते ही यह साफ हो गया था कि यह हमला हो सकता है. तभी आरोपी को दबोचने के लिए सांसद हनुमान बेनीवाल आगे बढ़े और उन्होंंने पकड़ लिया. देश की सबसे सुरक्षित इमारत में हुई इस तरीके की सेंध के बाद सभी सिक्योरिटी एजेंसियां अलर्ट पर है. सांसद हनुमान बेनीवाल राजनेता और किसान नेता हैं, जो 2019 से नागौर से 17वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे. वे जयपुर में गठित राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक, अध्यक्ष और राष्ट्रीय संयोजक हैं.
संसद में घुसे दोनों आरोपी पुलिस के हवाले, लोकसभा ने शुरू की जांच
संसद में घुसे दोनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसी के साथ भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे दो लोंगों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि लोकसभा अपने स्तर पर जांच कर रही है तथा इस बारे में दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया गया है. संसद सचिवालय ने अब एक बड़ा निर्णय ले लिया है. अब संसद में दर्शक दीर्घा में अगले आदेश तक एंट्री बैन रहेगी. इसी के साथ संसद में एंट्री के लिए बनने वाले ई-पास के बनने पर भी रोक लगा दी गई है. फिलहाल ये नहीं बताया गया है कि ये रोक कितने समय के लिए लगाई गई है.