अंबेडकर को दशकों तक भारत रत्न नहीं दिया गया क्योंकि… PM मोदी ने हैदराबाद में कहा, BRS और कांग्रेस दलित विरोधी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र जल्द ही एक समिति बनाएगा जो अनुसूचित जाति के वर्गीकरण की मडिगा (एक एससी समुदाय) की मांग के संबंध में उसे सशक्त बनाने के लिए सभी संभावित तरीके अपनाएगी. वह यहां मडिगा आरक्षण पोराटा समिति (एमआरपीएस) द्वारा आयोजित एक रैली में बोल रहे थे, जो मडिगा समुदाय का एक संगठन है. यह समुदाय तेलुगू राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अनुसूचित जाति के सबसे बड़े घटकों में से एक है.

एमआरपीएस पिछले तीन दशकों से इस आधार पर एससी के वर्गीकरण के लिए लड़ रहा है कि आरक्षण और अन्य का लाभ उन तक नहीं पहुंचा है. पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा पिछले तीन दशकों से हर संघर्ष में उनके साथ खड़ी है. उन्होंने कहा, “हम इस अन्याय को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं… हमारा वादा है कि हम जल्द ही एक समिति का गठन करेंगे जो आपको सशक्त बनाने के लिए हर संभव तरीके अपनाएगी. आप और हम यह भी जानते हैं कि एक बड़ी कानूनी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. हम आपके संघर्ष को सही मानते हैं.”

उन्होंने कहा, “हम न्याय सुनिश्चित करेंगे. यह भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आपको अदालत में भी न्याय मिले. भारत सरकार पूरी ताकत के साथ आपके सहयोगी के रूप में न्याय के पक्ष में खड़ी रहेगी.” बैठक में एमआरपीएस के संस्थापक मंदा कृष्णा मडिगा पीएम मोदी के बगल में बैठकर भावुक हो गए. फिर पीएम मोदी ने मडिगा का कंधा थपथपाया और उन्हें गले लगाया. उन्होंने मडिगा को अपना छोटा भाई भी बताया. प्रधानमंत्री ने मडिगा को आंदोलन में अपना नेता और खुद को अपना “सहायक” बताया और आश्वासन दिया कि वह न्याय के लिए उनके संघर्ष में समुदाय के साथ खड़े रहेंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों और नेताओं ने मडिगास से वादे किए और अतीत में उन्हें धोखा दिया. पीएम मोदी ने कहा, “मैं उनके पापों के लिए माफी मांग रहा हूं.” पीएम मोदी ने दिवंगत भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण के नेतृत्व में काम करने को भी याद किया, जो अनुसूचित जाति से थे और तेलंगाना से थे. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अकेले भाजपा ही तेलंगाना के लोगों को सामाजिक न्याय की गारंटी दे सकती है और राज्य को प्रगति के सुनहरे रास्ते पर ले जा सकती है.

इस बीच, पीएम मोदी ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी पर की गई टिप्पणी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की. प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के सीएम ने विधानसभा में मांझी का अपमान किया है और इसे शर्मनाक बताया है. उन्होंने आरोप लगाया, यह कहने की कोशिश की गई कि मांझी मुख्यमंत्री पद संभालने के लायक नहीं थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) ने उनके मित्र और दिवंगत दलित नेता राम विलास पासवान का अपमान किया.

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि दो बार उसने बी आर अंबेडकर को चुनाव जीतने नहीं दिया और आरोप लगाया कि सबसे पुरानी पार्टी ने दशकों तक पुराने संसद भवन में अंबेडकर की तस्वीर नहीं लगाने दी. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सबसे पुरानी पार्टी के कारण ही था कि संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर को दशकों तक भारत रत्न नहीं दिया गया और यह केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार बनने के बाद ही संभव हुआ.

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