
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लखनऊ के लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में 13 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी. इस दौरान बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस के निर्माण के लिए निर्माण करने वाली कंपनियों के चयन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है. इन दोनों प्रोजेक्ट्स से करीब 60 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी.
इन कंपनियों को मिला सड़क निर्माण का ठेका
राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह और नीलकंठ तिवारी ने मीडिया से कहा, “चरणों में पूरी होने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना के पहले और दूसरे चरण का निर्माण कार्य मेसर्स एप्को इंफ्राटेक, तीसरे चरण का अशोका बिल्डकम, चौथे और पाचवें चरण का गावर कन्स्ट्रक्शन तथा छठे चरण के निर्माण का कार्य दिलीप बिल्डकम को दिया गया है. वहीं दो चरणों में पूरी होने वाली गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के पहले चरण का एप्को इन्फ्राटेक और दूसरे चरण का निर्माण कार्य दिलीप बिल्डकम को दिया गया है.”
उन्होंने बताया कि “उत्तर प्रदेश नगर पालिका नियमावली-2019 को मंजूरी मिल गई है. अभी तक नगर निगम संपत्ति उपविधि से ही नगर पालिका और नगर पंचायत में टैक्स वसूला जाता था. अब इनकी अलग नियमावली होगी. एक महीने में ड्राफ्ट जारी होगा.”
पावर प्रोजेक्ट्स पर अहम फैसले
बैठक में मेरठ में में बन रहे 765 केवी ट्रांसमिशन और सिंधौली में बन रहे 400 केवी ट्रांसमिशन के काम को प्राइवेट कंपनियों से कराए जाने को मंजूरी दे दी गई है. इसके लिए तीन बिड आए थे. पॉवर ग्रिड को 115 करोड़ के प्रस्ताव के आधार पर काम दिया गया. 2021 तक इसका काम पूरा हो जाएगा.
शर्मा ने बताया, “रामपुर और सम्भल में 765 और 400 केवी के ट्रांसमिशन लाइन का काम भी पावर ग्रिड को देने को मंजूरी मिली है. 2021 तक यह भी पूरा हो जाएगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 जिलों को इससे फायदा होगा. रोस्टिंग और ओवरलोंडिग की समस्या से निजात मिलेगी. दोनों ही प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर होंगे.”
बैठक में यूपी सरकारी सेवक पद्दोनति नियमावली में बदलाव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा.
प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित अंबेडकर विशेष रोजगार योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों को मंजूरी मिल गई है. योजना का नाम अब ‘बाबा साहेब अंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना’ होगा. अब टास्क फोर्स में कृषि उत्पादन आयुक्त की जगह ग्राम्य विकास आयुक्त होंगे और सचिव सदस्य होंगे.
मंत्री ने ने बताया, “ई-स्टाम्प नियमावली में बदलाव किया गया है. लाइसेंस होल्डर स्टाम्प विक्रेता अब कलेक्शन सेंटर होंगे. पहले वे 15 हजार तक का स्टाम्प बेच सकते थे. अब यह सीमा हटा दी गई है.”