
बीजेपी और आरएसएस के ‘पन्ना प्रमुख’ और ‘प्रचारकों’ की तर्ज पर अब कांग्रेस ‘प्रेरक’ तैयार करेगी, जो जनता के बीच जाकर पैठक बनाने का काम करेंगे. कांग्रेस ने तय किया है कि ‘प्रेरक’ पार्टी के कामों और विचारधारा को लोगों के बीच लेकर जाएंगे.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, प्रेरक संदेशवाहकों की तरह काम करेंगे जो संगठन को धरातल पर मजबूत करने का काम करेंगे और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाएंगे.
ये प्रेरक हर महीने जिला स्तर पर संगठन संवाद करेंगे, जिसमें वो राज्य और देश में चल रही राजनीतिक घटनाओं पर चर्चा करेंगे. ये लोग कांग्रेस पार्टी से जुड़े भ्रमों को दूर करने का भी काम करेंगे.
तरुण गोगोई ने दिया आइडिया
असम कांग्रेस के नेता और लोकसभा सांसद तरुण गोगोई ने दिल्ली में आयोजित एक वर्कशॉप में पार्टी के सामने बात रखी कि चुनाव जीतने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरह मास कॉन्टैक्ट का इस्तेमाल करें. तीन डिवीजन के लिए पहले प्रेरक चुने जाएंगे इन प्रेरकों के नीचे 4 से 5 जिले होंगे. इसमें महिलाओं, एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व का भी ख्याल रखा जाएगा. हर प्रेरक की 5 से 7 दिन की ट्रेनिंग कराई जाएगी, ताकि उनका ज्ञान और आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके.
सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की ट्रेनिंग होगी. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ही प्रेरक बनाने के लिए लोगों को चुनेंगे. इसके बाद इनकी आगे की ट्रेनिंग होगी और पार्टी में काम करने का मौका दिया जाएगा. सभी प्रदेश इकाईयों से कहा गया है कि वो सितंबर तक ऐसे लोगों की लिस्ट जमा करा दें, जो प्रेरक बनाए जा सकते हैं.
ये पूरा मॉडल आरएसएस के प्रचारकों के काम करने की शैली पर आधारित है. इसका एक ही मकसद है कि पार्टी की पहुंच बढ़ाई जा सके, जैसे संघ के प्रचारक डोर टू डोर जाकर काम करते हैं वैसे ही ये काम करेंगे.
इस मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोग्रेस रिपोर्ट और मेंबरशिप ड्राइव का जायजा लिया. बीते कई चुनावों में कांग्रेस की जनता पर पकड़ कमजोर हुई है जो कि चुनावों के नतीजों में साफ दिखता है. ऐसे मे संगठन को मजबूत करन के लिए कांग्रेस कि ओर से ऐसा फैसला लिया गया है. आरएसएस के प्रचारक चुनाव के दौरान बीजेपी के लिए जमकर प्रचार करते हैं जो कि बीजेपी के लिए बहुत फायदेमंद रहता है.