राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का बेजां इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जिस प्रीवेंशन ऑफ मनीलॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के जरिए विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रही है, उसका धनशोधन (मनीलॉन्ड्रिंग) मामलों से कुछ लेना-देना नहीं. सिब्बल ने कहा कि पीएमएलए का मतलब है, ‘प्रधानमंत्री की लाल आंख.’
एएनआई के साथ बातचीत में राज्यसभा सांसद ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस भाषण को लेकर भी अपनी राय जाहिर की, जिसमें यह कहा गया था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है. सिब्बल ने पूर्व पीएम के बचाव में कहा, “उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा. उनका हमेशा से यह कहना था कि जो सबसे पिछड़ी लाइन में खड़े हैं, जो सबसे ज्यादा पिछड़े लोग हैं, उनका हक देश के संसाधनों पर है. निश्चित तौर पर भारत का मुसलमान सबसे पिछड़ा है.”
यूपीए सरकार पर बोलते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, ”मैं उस सरकार का हिस्सा रहा हूं; मैं डॉ. मनमोहन सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री) को जानता हूं और इस देश में मुस्लिम समुदाय को कोई पहली प्राथमिकता नहीं दी गई.” राज्यसभा सांसद ने कहा कि मनमोहन सिंह ने अलग से मुस्लिमों का जिक्र इसलिए किया क्योंकि उनकी हालत देश में रहने वाले आदिवासियों से भी बदतर है.