PM मोदी के स्वागत में दुबई में उमड़ा जनसैलाब, तिरंगे के साथ लगे भारत माता की जय के नारे, COP-28 में लेंगे भाग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ल्ड क्लाइमेट ऐक्शन समिट (विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन) ‘COP-28’ में भाग लेंगे. गुरुवार को इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए वह दुबई (PM Modi in Dubai) पहुंच गए. उनके स्वागत में यहां दुबई में जनसैलाब उमड़ पड़ा. पीएम मोदी के स्वागत के दौरान भारतीय प्रवासियों के सदस्यों ने ‘सारे जहां से अच्छा’ गाया, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए. PM मोदी ने X पर पोस्ट किया ‘COP-28 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई पहुंच गया हूं. शिखर सम्मेलन की कार्यवाही की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जिसका उद्देश्य एक बेहतर ग्रह बनाना है’

दुबई रवाना होने से पहले मोदी ने कहा कि जब क्लाइमेट ऐक्शन की बात आती है, तो भारत ने जो कहा है वह करके दिखाया है. G20 की हमारी अध्यक्षता के दौरान क्लाइमेट हमारी प्राथमिकता में सबसे ऊपर था. प्रधानमंत्री तीन अन्य हाई लेवल कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे. भारत को क्लाइमेट फंडिंग पर सहमति बनने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि मोदी जलवायु पर संयुक्त राष्ट्र के ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज’ के दौरान शुक्रवार को विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसे सीओपी-28 के नाम से जाना जाता है. ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए कई विश्व नेता जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं. विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन सीओपी 28 का उच्च स्तरीय खंड है.

वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया साइट X पर कहा ‘दुबई के अल मकतूम हवाई अड्डे से ‘नमस्कार’ जहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अभी विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं, जो सीओपी -28 का उच्च स्तरीय खंड है. उनके पास कल का पूरा एजेंडा है. इसकी शुरुआत सुबह इस उच्च स्तरीय जलवायु कार्यक्रम के उद्घाटन कार्यक्रमों से होगी जहां प्रधानमंत्री अपना संबोधन देंगे.’

उन्होंने आगे बताया कि ‘इसके बाद, वह जलवायु वित्त में परिवर्तन पर संयुक्त अरब अमीरात द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भाग लेंगे. इसके बाद, प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे जो सहमत क्रेडिट पर गौर करेगा, जो एक ऐसी पहल है जिसमें प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत रुचि है. इसके बाद, प्रधानमंत्री स्वीडन के साथ सह-आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेंगे जिसे लीडरशिप ग्रुप कहा जाएगा.’

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