PM मोदी के करीबी दोस्‍त पहुंचे बीज‍िंग, तो चीन ने पाक‍िस्‍तान को हड़काया, आखिर किस बात से है खफा?

पीएम नरेंद्र मोदी के मित्र रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन पहुंचे हैं. पुतिन और जिनपिंग ने देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को गहरा बनाने के लिए पर एक संयुक्त बयान पर दस्तखत भी किए हैं. जिनपिंग ने पुतिन का जोरदार स्वागत किया है. इसी बीच पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार भी चीन पहुंचे हैं. जिनको चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने तगड़ी नसीहत दी है. चीन ने पाकिस्तान से साफ कर दिया कि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं में शामिल हजारों चीनी मजदूरों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करे.

चीनी मजदूरों पर बार-बार होने वाले आतंकी हमले बीजिंग के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गए हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री को यह कड़वी बातें तब सुननी पड़ीं, जब वह बीजिंग में विदेश मंत्री-स्तरीय चीन-पाकिस्तान रणनीतिक वार्ता के पांचवें दौर की सह-अध्यक्षता करने पहुंचे हुए थे. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक वांग यी ने इशाक डार से कहा कि चीन को उम्मीद है कि पाकिस्तान में चीनी कामगारों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और चीनी उद्यमों और कामगारों की चिंताओं को खत्म करने के लिए अपना सबसे बेहतर कोशिश करना जारी रखेगा.

सीपीईसी के तहत हजारों चीनी कामगार पाकिस्तान में
चीन की आधिकारिक यात्रा पर आए इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान ऐसे जघन्य हमलों की योजना बनाने वालों, फंडिंग करने वालों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.यह बातचीत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक चीनी कंपनी द्वारा शुरू की गई दसू पनबिजली परियोजना की गाड़ी पर आतंकवादी हमले में एक पाकिस्तानी नागरिक सहित पांच चीनी नागरिकों के मारे जाने के एक महीने बाद हुई. गौरतलब है कि 60 अरब डॉलर के सीपीईसी के तहत हजारों चीनी कामगार पाकिस्तान में कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं. इस हमले के सिलसिले में कथित तौर पर 10 से अधिक आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था.

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