प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को उन पर गर्व है और यह समय दोनों देशों के बीच मित्रता की जयकार का है. अबू धाबी के जायद स्पोर्ट्स स्टेडियम में ‘मोदी मोदी’ के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने ‘अहलन मोदी’ कार्यक्रम में शामिल हुए भारतवंशी लोगों का अभिवादन ‘नमस्कार’ कहकर किया.
उन्होंने कहा कि वह भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में इस स्नेह से अभिभूत हैं. पीएम मोदी ने कहा, “आपने यहां इतनी बड़ी संख्या में आकर इतिहास रच दिया है. आप यूएई के विभिन्न हिस्सों और भारत के विभिन्न राज्यों से आये हो सकते हैं, लेकिन सभी के दिल जुड़े हैं.”
उन्होंने कहा, “यह भारत और यूएई के बीच मित्रता की जयकार का समय है. इस ऐतिहासिक स्टेडियम में हर धड़कन की एक ही भावना है-भारत-यूएई की मित्रता जिंदाबाद.” कार्यक्रम की शुरुआत दोनों देशों के राष्ट्रगान के साथ हुई.
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज की स्मृतियां मेरे साथ हमेशा रहेंगी क्योंकि मैं यहां मेरे परिवार के सदस्यों से मिलने आया हूं.” उन्होंने कहा, “मैं 140 करोड़ से अधिक भारतीयों से, आपके भाइयों और बहनों से यह संदेश लेकर यहां आया हूं कि भारत को आप पर गर्व है.”
पीएम मोदी ने 2015 की अपनी पहली यूएई यात्रा को याद करते हुए कहा कि उस समय वह केंद्र सरकार में नए थे और यह तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूएई यात्रा थी. उन्होंने, “तब से दस वर्षों में यह यूएई की मेरी सातवीं यात्रा है.”
आईआईटी-दिल्ली के अबू धाबी परिसर के छात्रों से पीएम मोदी ने की बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के अबू धाबी परिसर के छात्रों के पहले बैच के साथ बातचीत की और इसे भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय करार दिया. दो-दिवसीय यूएई यात्रा के पहले दिन मोदी ने छात्रों के साथ बातचीत में कहा कि यह न केवल भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय सहयोग में एक नया अध्याय शुरू करता है, बल्कि दोनों देशों के युवाओं को भी एक साथ लाता है.
फरवरी 2022 में संयुक्त अरब अमीरात में आईआईटी, दिल्ली के एक परिसर के उद्घाटन की परिकल्पना दोनों देशों के नेतृत्व द्वारा की गई थी. यह परियोजना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली और अबू धाबी शिक्षा एवं ज्ञान विभाग (एडीईके) के बीच एक संयुक्त सहयोग का परिणाम है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘यह अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझेदारी को भी बढ़ावा देगा.’