टीम इंडिया के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे. उन्होंने हाल में टेस्ट करियर में अपने 500 विकेट भी पूरे किए. राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच को बीच में ही छोड़कर अश्विन अपनी बीमार मां को देखने के लिए घर रवाना हो गए थे. उनकी मां तब आईसीयू में एडमिट थीं. अश्विन ने धर्मशाला टेस्ट मैच से पहले बताया कि उनकी मां चित्रा रविचंद्रन बार बार बेहोश हो रही थीं. जब उन्होंने बेटे रविचंद्रन अश्विन को अपने बिस्तर के पास देखा तो उनके मन में बस एक ही सवाल था, ‘तुम यहां क्यों आए?’
अनिल कुंबले (Anil Kumble) के बाद 500 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बनने के कुछ घंटों बाद, मां के बीमार होने होने पर आर अश्विन (R Ashwin) राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे मैच के बीच में चेन्नई अपने घर वापस चले गए थे. अश्विन की मां अचेत हो गई थीं और उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था. अश्विन ने अपने 100वें टेस्ट की पूर्व संध्या पर ‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो’ से कहा, ‘जब मैं अस्पताल पहुंचा, तो मेरी मां लगातार होश में आने के बाद बेहोश हो जा रही थी. मुझे वहां देखने के बाद उन्होंने पहली चीज मुझसे पूछी, ‘तुम क्यों आए‘? अगली बार जब वह होश में आई तो उसने कहा, ‘मुझे लगता है कि तुम्हें वापस जाना चाहिए क्योंकि टेस्ट मैच चल रहा है.’
‘मेरी फैमिली ने मेरा पूरा साथ दिया’
इस ऑफ स्पिनर ने अपने माता-पिता रविचंद्रन और चित्रा के त्याग को भावनात्मक रूप से याद करते हुए कहा कि दोनों ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए कई कुर्बानियां दी है. इस 37 साल के गेंदबाज ने कहा, ‘मेरा पूरा परिवार क्रिकेट और मेरे करियर को सुविधाजनक बनाने के लिए बना है. यह आसान नहीं है. यह उनके लिए बहुत कठिन रहा है. यह उनके लिए भावनात्मक तौर पर काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. मैं अब 35 साल से अधिक का हूं और मेरे पिता अब भी ऐसे मैच देखते हैं जैसे यह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय मैच हो. यह उनके लिए बहुत मायने रखता है. अगर मै तुलना करूं तो मेरे मैच मुझ से ज्यादा उनके लिए मायने रखते है.’
‘आइए हम अपने बेटे को क्रिकेटर बनने के लिए समर्थन दें’
अश्विन के पिता क्रिकेट के बड़े प्रशंसक है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह टीएनसीए के प्रथम श्रेणी लीग मैचों को देखने के लिए भी मैदान पर मौजूद रहते हैं. बकौल अश्विन, ‘यह ऐसा था कि मानो वह मेरे जरिए अपना सपना पूरा कर रहे हो. कल्पना कीजिए कि कोई क्रिकेटर बनना चाहता था (लेकिन नहीं बनता). उसकी शादी हो जाती है, उसका एक बेटा है. और वह अपने बेटे के माध्यम से सपने को जीना चाहता है, और वह मुझे पढ़ाने से लेकर, मेरे सहपाठियों से नोट्स लेने तक, मुझे निजी ट्यूशन में ले जाने तक सब कुछ करते थे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मैं अपनी शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ अधिकतम समय क्रिकेट को दे सकूं. किसी अन्य गांव से आने वाली यह महिला (मां) कहती है, ‘मैं आपका समर्थन करती हूं क्योंकि आप क्रिकेटर नहीं बन सके. आइए हम अपने बेटे को क्रिकेटर बनने के लिए समर्थन दें.’ अश्विन टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट झटकने के मामले में अनिल कुंबले के बाद दूसरे भारतीय हैं. कुंबले ने टेस्ट में 619 शिकार किए हैं.