EVM को लेकर कई संदेह… गठबंधन ने पार‍ित क‍िया प्रस्ताव, जानें VVPAT को लेकर क‍िस बदलाव की है मांग

विपक्षी इंडिया गुट ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की कार्यप्रणाली के बारे में कई संदेह हैं और सुझाव दिया कि मतदाता-सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियां मतदाताओं को सौंपी जाएं और इसकी 100 प्रतिशत गिनती बाद में की जाए. द‍िल्‍ली में अपनी चौथी बैठक के दौरान गठबंधन द्वारा एक प्रस्ताव में 28 विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि भले ही समूह के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन दिया है, लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक चिंताओं का जवाब नहीं दिया है.

इंड‍िया गठबंधन ने कहा है क‍ि अगर बैलट से चुनाव कराएं जाए तो हम खुश होंगे, लेकिन चुनाव आयोग को आपत्ति है और अगर नहीं हो सकते तो हाइब्रिड बैलट पेपर ईवीएम सिस्टम से चुनाव हो. वहीं भाजपा नेता शुवेंदू अधिकारी ने कहा है क‍ि यह अनैतिक गठबंधन है और यह गठबंधन एक आदमी को रोकने के लिए है. इन लोगों को जैसे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान में हरा दिया, पूरे देश में भी यही होने वाला है. वहीं प्रह्लाद जोशी का विपक्षी गठबंधन की बैठक पर बड़ा हमला और कहा क‍ि पहले 2024 लोकसभा चुनाव में चुनकर आए तब पीएम पद के उम्मीदवार का चयन करें. वहीं धमेंद्र प्रधान ने कहा क‍ि 2024 में बुरी तरह हारने की जो नई विधि तैयार हो रही है. उसका नाम है इंड‍िया एलायंस.

गठबंधन की बैठक में पास क‍िए गए प्रस्ताव में कहा गया है क‍ि भारतीय पार्टियों ने ईवीएम के डिजाइन और संचालन पर कई विशिष्ट सवालों के साथ चुनाव आयोग को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है. दुर्भाग्य से, चुनाव आयोग ने इस ज्ञापन पर प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए अनिच्छुक रहा है. गठबंधन ने कहा क‍ि देश की कई पार्टियां दोहराती हैं कि ईवीएम की कार्यप्रणाली पर कई संदेह हैं. ये कई विशेषज्ञों और पेशेवरों द्वारा भी इस पर सवाल उठाए गए हैं.

गठबंधन की बैठक के बाद कहा गया है क‍ि हमारा सुझाव सरल है. मतदाता-सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्ची को बॉक्स में डालने के बजाय. इसे मतदाता को सौंप दिया जाना चाहिए, जो अपनी पसंद को सत्यापित करने के बाद इसे एक अलग मतपेटी में रखेगा. विपक्षी गठबंधन की बैठक में सर्वसम्मति से अपनाए गए प्रस्ताव में कहा गया है क‍ि वीवीपीएटी पर्चियों की 100 प्रत‍िशत गिनती की जानी चाहिए.

इसमें आगे कहा गया है क‍ि इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में लोगों का पूरा विश्वास बहाल होगा. कई विपक्षी दलों के नेताओं ने ईवीएम के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है. खासकर राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की हालिया जीत के बाद और महसूस किया कि पूरे विपक्षी गठबंधन को इस मामले को एकजुट होकर लोगों के सामने उठाना चाहिए.

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