DSP जियाउल हक हत्याकांड: कुंडा विधायक राजा भैया को सुप्रीम कोर्ट से झटका, CBI करेगी भूमिका की जांच

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में डीएसपी जियाउल हक की हत्या मामले में राजा भैया को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को ख़ारिज कर दिया है जिसमें राजा भैया समेत चार लोगों के खिलाफ सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करने के आदेश पर स्टे लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद की याचिका पर फैसला सुनाते हुए सीबीआई को राजा भैया की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया है.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की इस पीठ ने डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद की याचिका पर फैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसडीएम की रिपोर्ट को मान्यता देते हुए सीबीआई को आदेश दिया कि इस मामले की दोबारा जांच कर तीन महीने में रिपोर्ट दाखिल की जाए. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने राजा भैया और उनके चार साथियों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए जांच जारी रखने का आदेश दिया था.

2013 में हुई थी डिप्टी एसपी जियाउल हक  की हत्या
2 मार्च 2013 को कुंडा के बल्लीपुर गांव में ग्राम प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद डिप्टी एसपी जियाउल हक मय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे थे. इस दौरान शव जैसे ही गांव पहुंचा तो वहां भीड़ इकठ्ठा हो गई. इसी बीच एक व्यक्ति ने हक को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई. बताया जाता है कि जिसने गोली मारी वह राजा भैया का करीबी था. जिसके बाद राजा भैया पर हत्या की साजिश का आरोप लगा था. जिस समय यह बहुचर्चित हत्याकांड हुआ उस समय राजा भैया तत्कालीन सपा सरकार में मंत्री थे. कहा यह भी जाता है कि डीएसपी हक ने उनकी हिस्ट्रीशीट खोल दी थी, जिससे राजा भैया नाराज थे.

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