COP28: गुजरात की 2 महिलाओं ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के पारंपरिक समाधान पेश किए

देसी परिधान पहनकर संगीताबेन राठौड़ और जसुमतिबेन जेठाबाई परमार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए शक्तिशाली पारंपरिक समाधानों के साथ यहां वैश्विक जलवायु सम्मेलन में दमदार मौजूदगी दर्ज करायी. इससे पहले कभी अपने गृह राज्य गुजरात से बाहर नहीं निकलीं अरावली की राठौड़ और जेतापुर की परमार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए व्यावहारिक समाधान पेश किए जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर धूम मचा रहे हैं.

अपने पारंपरिक ज्ञान के बलबूते वे नीम की पत्तियों और गौमूत्र का इस्तेमाल कर जैविक खाद एवं कीटनाशक बना रही हैं, जिसने न केवल वर्षों तक उनकी फसलों को बचाकर रखा है बल्कि पूरे भारत में महिला किसान इसे अपना रही हैं. इससे रासायनिक खाद का एक सतत विकल्प मिला है.

राठौड़ ने कहा, ‘‘मैंने जलवायु परिवर्तन के कारण भारी नुकसान झेलने के बाद स्थानीय समाधान की तलाश करने की ठानी. मुझे 2019 में 1.5 लाख रुपये से अधिक की गेहूं की फसल का नुकसान हुआ. उसके बाद हमने समस्या पर गौर करना शुरू किया और हमें पता चला कि बदलते जलवायु के कारण कीटों का हमला काफी ज्यादा बढ़ गया है और वाणिज्यिक कीटनाशकों का असर नहीं हो रहा है. इसके बाद हमने पारंपरिक समाधानों की ओर रुख करने की सोची, जिसका हमारे पूर्वज इस्तेमाल करते थे, जिसमें नीम की पत्तियां और गौमूत्र शामिल है.’’

राठौड़ से यह पूछने पर कि वैश्विक मंच पर वह क्या उम्मीद कर रही हैं, इस पर उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करती हैं कि जो समाधान उन्होंने अपनाए हैं उन्हें ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ साझा किया जाए और वार्ताकारों को इस बात का अहसास कराया जाए कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में महिलाओं पर क्या असर पड़ रहा है और हमें किस मदद की जरूरत है.

उनके साथ आईं जसुमतिबेन ने कहा, ‘‘हमारी सरल प्रतीत होने वाली परंपराएं एक टिकाऊ भविष्य की कुंजी रखती हैं.’’ संगीताबेन और जसुमतिबेन ने अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के साथ भी अपने विचार साझा किए और जलवायु परिवर्तन के कारण भारतीय महिला कामगारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला. स्वाश्रयी महिला सेवा संघ (सेवा) की निदेशक रीमा नानावती ने भी जलवायु परिवर्तन के कारण भारतीय महिला कामगारों के सामने आने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया. यहां वैश्विक जलवायु वार्ता में 198 देशों के 1,00,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया.

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