चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान मतपत्रों से कथित छेड़छाड़ पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है. चुनाव में कथित अनियमितताओं को उजागर करने वाली एक याचिका पर अदालत ने सोमवार को सुनवाई की. खासकर एक दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद.
भाजपा ने 30 जनवरी को महापौर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की थी, जिससे आप और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा था तथा उसने निर्वाचन अधिकारी पर मत पत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. मनोज सोनकर ने महापौर पद के लिए हुए चुनाव में ‘आप’ के कुलदीप कुमार को हराया था. सोनकर को 16, जबकि कुमार को 12 वोट मिले थे तथा आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे.
एनडीटीवी के मुताबिक, एक वीडियो जिसमें पीठासीन अधिकारी, अनिल मसीह, जो भाजपा के अल्पसंख्यक सेल के सदस्य हैं, को ‘आप’ पार्षदों के मतपत्रों पर निशान लगाते हुए दिखाया गया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है. इसकी आम आदमी पार्टी एवं उसके सहयोगियों ने तीखी आलोचना की और तर्क दिया कि मसीह ने जानबूझकर उनके वोटों को अमान्य कर दिया, जिससे संभावित रूप से चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में चले गए.
सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) और अनिल मसीह के बीच बातचीत इस प्रकार हुई:
सीजेआई का सवाल: मिस्टर मसीह, मैं आपसे सवाल पूछ रहा हूं. यदि आप सही जवाब नहीं दे रहे हैं तो आप पर मुकदमा चलाया जाएगा. यह एक गंभीर मामला है. हमने वीडियो देखा है. आप मतपत्रों पर क्रॉस लगाते हुए कैमरे की ओर देखकर क्या कर रहे थे? आप मार्क्स क्यों लगा रहे थे?
मसीह का जवाब: मतदान के बाद मुझे मतपत्रों पर चिन्ह लगाना था और खराब को अलग करना पड़ा.
सीजेआई का सवाल: वीडियो से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आप कुछ मतपत्रों पर एक्स का निशान लगा रहे थे. क्या आपने कुछ मतपत्रों पर X चिह्न लगाए हैं?
मसीह का जवाब: हाँ.
सीजेआई का सवाल: कितने मतपत्रों पर निशान लगाए गए?
मसीह का जवाब: 8.
सीजेआई का सवाल: आपने मतपत्रों को खराब क्यों किया? आपको सिर्फ कागजों पर हस्ताक्षर करने थे. नियमों में यह कहां प्रावधान है कि आप मतपत्रों में अन्य चिह्न लगा सकते हैं.
मसीह का जवाब: मतपत्रों को उम्मीदवारों ने खराब कर दिया, छीन लिया और नष्ट कर दिया…
सीजेआई ने कहा: मिस्टर सॉलिसिटर, रिटर्निंग ऑफिसर पर मुकदमा चलाना होगा. वह चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं.
संभवतः यह आजादी के बाद पहली बार है कि सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई ने किसी अधिकारी से सवाल पूछे हैं. अदालत ने न केवल कथित छेड़छाड़ पर चिंता जाहिर की, बल्कि इसकी गंभीरता पर जोर देते हुए चल रही राजनीतिक पैंतरेबाजी को “खरीद-फरोख्त” करार दिया. अदालत ने मंगलवार को मतपत्रों को जांच के लिए अपने पास लाने को कहा है. शुरुआत में यह प्रस्ताव देने के बाद कि नए सिरे से चुनाव कराने के बजाय वोटों की गिनती नए रिटर्निंग अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए, अदालत ने कहा कि वह मतपत्रों की जांच के बाद इस मुद्दे पर फैसला करेगी.