
आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी अब बीजेपी के निशाने पर हैं. बीजेपी का आरोप है कि रेड्डी ने एक धर्म का पक्ष लेते हुए ईसाई पादरियों को मेहनताना दिया. जगनमोहन पर पादरियों को हर महीने 5 हजार रुपये देने और धर्मांतरण करने जैसे आरोप लगाए गए हैं. हालांकि रेड्डी ने इन आरोपों पर बीजेपी को जवाब दिया है.
जगनमोहन रेड्डी की आंध्र प्रदेश सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि वो ऐसा सिर्फ एक धर्म के लिए नहीं कर रहे हैं. सरकार की तरफ से कहा गया-
नए सर्कुलर के मुताबिक हिंदू मंदिरों और उनके पुजारियों को भी हर महीने 10 से लेकर 35 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. इसके अलावा पुजारियों के रिटायरमेंट पर उन्हें घर देने की भी योजना है.
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील देवधर ने इस मामले को उठाया है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, “ये काफी दुख की बात है कि सरकार एक धर्म का पक्ष ले रही है और दूसरे को नीचा दिखा रही है. जबकि ईसाई पादरी दूसरे धर्म और गरीब लोगों का मजाक उड़ाते हैं. ईसाई पादरियों को हर महीने मेहनताना देना आग में घी डालने जैसा होगा. जगनमोहन रेड्डी आपका असली एजेंडा क्या है?”
इतना ही नहीं राज्य की बीजेपी इकाई ने आरोप लगाया है कि जगनमोहन रेड्डी एक विशेष धर्म की मदद के लिए राज्य के खजाने का इस्तेमाल कर रहे हैं.