अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान सभी बड़े मुद्दों पर आम सहमति बना पाना भारत की बड़ी उपलब्धि थी. उन्होंने कहा, “कई बार हमें लगा कि आम सहमति नहीं बन सकेगी, लेकिन हम अपने ड्राफ्ट में लगातार बदलाव करते रहे. जी20 में 250 मीटिंग के बाद 16 ड्राफ्ट बने थे.” वे न्यूज18 इंडिया के विशेष कार्यक्रम ‘अमृत रत्न’ सम्मान में बोल रहे थे.
जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मेलन के दौरान ऐसी व्यवस्था की गई थी कि कुछ भी लीक नहीं हुआ. उन्होंने जी20 की कामयाबी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया और कहा कि उनके नेतृत्व और विजन के कारण ही हम इस वैश्विक आयोजन में सफल हो पाए.
कांत ने आगे कहा, “जी20 के दौरान 9 महीने का काम मेरे लिए बेहद चुनौतीभरा था. ये मेरे बीते साढे़ 6 साल के काम से ज्यादा था. पीएम मोदी के नेतृत्व और विजन के कारण हम कामयाब हो पाए. वे चाहते थे कि जी20 हर राज्य में जाए.” जी20 शेरपा ने बताया कि इस वैश्विक सम्मेलन के कारण भारत के इंफ्रास्ट्रचर में बदलाव आया है.
अमिताभ कांत ने न्यूज18 के मंच पर यह भी कहा कि उन्हें शेरपा और जी20 के बीच संबंधों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा, “मुझे तो पता भी नहीं था कि शेरपा का जी20 के संबध में क्या मतलब है. मैंने डिक्शनरी देखी. बाद में पता चला कि शेरपा का महत्व यह है कि अपने लीडर को हिमालय की चोटियों तक पहुंचाना आपका काम है.”
नीति आयोग के सीईओ रह चुके कांत ने आगे कहा, “रूस-यूक्रेन की वजह से यह चैलेंजिंग काम था. इसके अलावा, जो मुद्दे थे इनमें काफी विवाद चल रहा था. यह चुनौती थी, मगर एक साल की मेहनत के बाद सफलता मिली. पीएम मोदी का निर्देश था कि जो भी हम करें वो काफी इन्क्लूसिव हो और निर्णायक होने के साथ ही ऐक्शन ओरियेंटेड हो और सभी राष्ट्रों के बीच एक आपसी सहमति लाए.”