मॉब लिंचिंग के खिलाफ 27 स्वयंसेवी संगठनों का राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

झारखण्ड के सराये केला के डिह गाॅव मे हुये 18 जून को तबरेज अंसारी युवक के साथ मानवता को शर्मशार करने वाली घटना की निन्दा करते हुये तिरंगे झण्डे के नीचे रीवा जिले के 27 समाज सेवी संगठनों ने खुल कर विरोध प्रकट किया व महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम रीवा कलेक्टर को ज्ञापन सौपा ।

मप्र- रीवा जिले के 27 समाज सेवी संगठनों ने  मॉब लिंचिंग के खिलाफ खुल कर विरोध प्रकट  करते हुए महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम  स्कथानीय कलेक्टर को ज्ञापन सौपा। मालूम हो कि देश में लगभग बीते पाॅच वर्षों मे 150 से ज्यादा माॅब लिंचिंग व अनगिनत अबोध बालिकाओं के साथ बलात्कार जैसे अपराधों में बढ़ोत्तरी हुई है। हाल ही मे झारखण्ड के डिह गाॅव मे 17-18 जून की रात्रि को तबरेज अंसारी (मृतक) के साथ माॅब लिंचिंग की जो घटना असमाजिक तत्वो द्वारा कारित की गई और स्थानीय पुलिस प्रशासन के द्वारा बरती गई लापरवाही देश के हर नागरिक को चिंतित किया है।

इस सिलसिले में मुस्लिम समाज कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष गुल मोहम्मद अंसारी व रिऐक्ट स्मार्ट सेवा संस्थान समिति के अध्यक्ष मो0 लईक खान, स्व0 अरविन्द शर्मा कैन्सर वेल्फेयर सोसायटी की अध्यक्षा भारती शर्मा एवं मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष आलोक सिंह परिहार के नेतृत्व में राष्ट्रपति महोदय के नाम कलेक्टर रीवा को ज्ञापन सौप कर मांग की , और चिंता जताते हुए कहा कि  “मौजूदा वक्त में  भारत जैसे प्यारे देश व अमन भाईचारे का प्रतीक देश जहां कुछ असामाजिक प्रवृत्ति के लोग माॅब लिंचिंग व बलात्कार जैसे जगन्ह अपराध कर रहे हैं, जो कि सामाजिक व भारतीय एकता एवं अखण्डता के लिये खतरा है।  स्थानीय पुलिस विभाग के अधिकारी, कर्मचारी या आरक्षको के द्वारा अपने दायित्वों का सही निर्वहन किया जाता तो शायद तबरेज अंसारी की जान बचाई जा सकती थी। सम्पूर्ण भारत देष के अन्दर हो रही माॅब लिंचिंग का षिकार ज्यादा वर्ग विशेष ही क्यों बन रहा है, यह भी अतिचिन्तनीय विषय है? जिसे गम्भीरता से लेते हुये शक्त से शक्त कानून बनाने की जरूरत है, तभी इस तरह के जघन्ह अपराधों को रोका जा सकता है। इस प्रकार की घटना हमारे विश्व गुरू भारत देश के अस्मिता के लिये चिन्ता का विषय है। इस तरह की घटना में शिकार हुये पीढ़ित परिवारों को भारत सरकार व राज्य सरकारों के द्वारा सहायता राशिउपलब्ध कराई जाय व पिड़ित परिवार से एक सदस्य को शासकीय नौकरी दिया जाए।”

मोटर मकैनिक आटोपार्टस एसोसिएशन के अध्यक्ष लल्लन खान, सिख समाज संगठन के जसवीर सिंह, रमाषिव बहुद्देशीय विकाश समिति के अध्यक्ष विक्रान्त द्विवेदी, जय महाकाल सेवा संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र द्विवेदी ने संयुक्त रूप से यह मांग की है कि झारखण्ड मे घटित हुई माॅब लिंचिंग की हुई घटना मे मारे गये तबरेज अंसारी नामक युवक एवं उसकी विधवा पत्नी के आगे-पीछे कोई भी नही है, उसकी पत्नी का एक मात्र सहारा उसका पति ही था जो अब इस दुनिया मे नही रहा, इस बात को ध्यान मे रखते हुये महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा कम से कम 50 लाख रूपये की सहायता एवं उसे शासकीय नौकरी उपलब्ध कराई जाए।

ज्ञापन सौपने वालो में मुस्लिम समाज कल्याण संघ के अध्यक्ष गुल मोहम्मद अंसारी, रिएक्ट स्मार्ट सेवा संस्थान के अध्यक्ष मो0 लईक खान, अरविन्द शर्मा कैन्सर वेल्फेयर सोयायटी की अध्यक्षा भारती शर्मा, जय महाकाल सेवा संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र द्विवेदी, मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष आलोक सिंह परिहार, कल्पना कल्याण समिति के अध्यक्ष बी.पी. सिंह, जीतेन्द्र सिंह, शहीद भगत सिंह सेवा समिति के अध्यक्ष सुजीत द्विवेदी, रमाषिव बहुद्देषीय विकाष समिति के अध्यक्ष विक्रान्त द्विवेदी, युवा एकता कल्याण संघ के अध्यक्ष राजराखन पटेल, नफीसा मेमोरियल शोसल वेल्फेयर सोसायटी के अध्यक्ष मुबारक खान, मोटर मकैनिक आटोपार्टस एसोसिएषन के अध्यक्ष लल्लन खान, सिख समाज संगठन के जसवीर सिंह, म0प्र0 कर्मचारी कांग्रेस के अमर नाहर, बारी समाज कल्याण समिति के शहर अध्यक्ष उमाषंकर वर्मा, सुन्नी यूथविंग आतंकवाद विरोधी संगठन के अध्यक्ष मो0 सिकन्दर रज़ा, पर्यावरण वाहिनी सामाजिक संगठन के अध्यक्ष रवि सिन्हा, ब्रम्ह सेवा समाज संगठन के रवि तिवारी, म0प्र0 बाल्मीकी महापंचायत जुगल किषोर जावड़िया, परमसुख जन कल्याण समिति देवतालाब अध्यक्ष आनन्द साहू,, मुस्लिम फाॅर ह्यूमिनिटी, एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों प्रबुद्धजन मो0 अकबर आज़म, मो0 इस्तेयाक राजू, मो0 हनीफ अंसारी, जाफर अली, सैयद मो0 उमैर, निसार अंसारी, संयोजक मखमूर खान, राषिद कुरैषी, वसीम अंसारी, शहनवाज, शाहिद सईदी, वसीम अब्बासी, सुजीतपुरी गोस्वामी, रिज़वान खान, अहद अंसारी, शाहिद अंसारी, हसनैन आदि संगठनो के पदाधिकारीगण उपिस्थत रहें।

                                                                                                                                                                                     -देवेंद्र द्विवेदी, रीवा.

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