
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जून महीने में साल भर पहले की समान अवधि के मुकाबले 4.52 प्रतिशत बढ़कर 99,939 करोड़ रुपये रहा, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में मासिक राजस्व के लिहाज से पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से कम रहा. यह संग्रह मई की तुलना में भी कम रहा, जब सकल राजस्व 1,00,289 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. जीएसटी संग्रह वित्त वर्ष 2020 के प्रथम महीने अप्रैल में पहली बार सर्वाधिक 1,13,865 करोड़ रुपये हुआ था.
डिलायट इंडिया के साझेदार, एमएस मणि ने कहा, “संग्रह में मामूली गिरावट इस बात को बल देता है कि दर में और कटौती की गुंजाइश फिलहाल न के बराबर है. उम्मीद से कम संग्रह लीकेज को पहचानने और उसे बंद करने के लिए जीएसटीएन के पास उपलब्ध आंकड़े के अधिक विश्लेषण की मांग करेगा.”
जीएसटी में थोड़ा-बहुत ऊपर-नीचे का रुझान सामान्य बात है, लेकिन कम कर संग्रह से सरकारी वित्त पर निश्चित तौर से दबाव बढ़ेगा. वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “जून 2019 में कुल जीएसटी संग्रह 99,939 करोड़ रुपये है, जिसमें सीजीएसटी 18,366 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 25,343 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 47,772 करोड़ रुपये और सेस 8,457 करोड़ रुपये है.”