बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी के केन्द्र की सत्ता में आने पर ‘अवध क्षेत्र’ को अलग राज्य बनाया जाएगा. मायावती ने लखनऊ, मोहनलालगंज, रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित एक जनसभा में उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के अपने पुराने रुख को दोहराते हुए कहा, ”लखनऊ से अवध क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि अवध को अलग राज्य बनाया जाए. जब केंद्र में हमारी पार्टी सत्ता में आएगी तो अवध क्षेत्र को अलग से राज्य बनाया जाएगा, जिसमें लखनऊ भी आता है.”
नवंबर 2011 में मायावती की तत्कालीन सरकार ने उत्तर प्रदेश को चार राज्यों पूर्वांचल, पश्चिम प्रदेश, अवध प्रदेश और बुन्देलखंड में बांटने का विधेयक पारित किया था. हालांकि, केंद्र की तत्कालीन कांग्रेसनीत गठबंधन सरकार ने कई स्पष्टीकरण मांगते हुए उसे राज्य सरकार के पास वापस भेज दिया था. बसपा प्रमुख ने केंद्र की सत्ता में आने पर उत्तर प्रदेश में अपने चार बार के शासन की ही तरह सर्वजन हितकारी काम करने का इरादा भी जताया. मायावती ने अपने भाषण में आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य विरोधी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूरे प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) वर्ग के सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण को पूरी तरह खत्म कर दिया था.