सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 30 जनवरी को चंडीगढ़ के मेयर के रूप में भाजपा उम्मीदवार को घोषित करने के रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) अनिल मसीह (पीठासीन अधिकारी) के फैसले को रद्द कर दिया. आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर पद का विजेता घोषित किया.
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कई बार फटकार भी लगाई. इसके अलावा उनके मतों से छेड़ छाड़ करते हुए वायरल वीडियो पर चुटकी भी ली.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कोर्ट से बात करते हुए मतगणना से पहले आरओ मसीह (RO Masih) के मत पत्रों पर कलम चलाने वाले वीडियो को कोर्ट में चलाने को कहा. सीजेआई ने मुस्कुराते कहा कि ‘सभी को वह वीडियो दिखाइए… थोड़ा इंटरटेनमेंट हर किसी के लिए अच्छा होता है!’ सीजेआई हंसते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं (आप नेता) ने वीडियो की संबंधित टाइमलाइन पहले ही दी है. नहीं तो हम सभी को यहां 5.45 तक रुकना पड़ता.’ इसके बाद वीडियो को उस कोर्ट रूम में चलाया गया.
शीर्ष न्यायलय में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने रीटर्निंग ऑफिसर के आचरण पर कमेंट करते हुए कहा कि, ‘उन्होंने (मसीह) मतपत्रों को मोड़ने को कहा ताकि स्याही न फैले. उन्हें अच्छी तरह पता है कि बिंदी क्यों है? वह वरिष्ठ वकील को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने सख्ती से कहा कि मतपत्रों को मोड़ो ताकि स्याही फैले दूसरे प्रत्याशी के मतों के पास नहीं आएंगे.’ इसके बाद शीर्ष कोर्ट में 30 जनवरी की वोटिंग प्रक्रिया का वीडियो चलाया गया.