झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गयी हैं. दरअसल हेमंत सोरेन की रिमांड अवधी को एक बार फिर 3 दिनो के लिए बढ़ा दी गई है. ईडी ने इसके पीछे वजह बताते हुए न्यायालय को बताया है कि इस केस के पीछे बहुत गहरी साजिश है. वही इसके साथ ही विनोद सिंह के मोबाइल से मिले चैट को लेकर भी ईडी ने काज अहम जानकारियां साझा की है और कहा है कि चैट में न सिर्फ ट्रांसफर पोस्टिंग बल्कि सरकारी दस्तावेजों को शेयर किया गया है,जो कही न कही मनी लांड्रिंग का हिस्सा हो सकता है.
ईडी ने फिर एक बार फिर हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ा दी है. ईडी ने हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि विस्तार को लेकर जो जानकारी अदालत को दी है वो काफी चौंका वाली है. ईडी ने अपनी पिटिशन में कहा है कि हेमंत सोरेन भानू के सिंडीकेट के हिस्सा थे और भानू फर्जी दस्तवेजो बनाकर जमीन को कब्जे का खेल रचता था. इसके लिए भानू प्रताप प्रसाद मूल दस्तावेजो में भी छेड़छाड़ किया करता था. यही कारण था कि पूर्व अंचल कर्मी के घर से अंचल की ओरिजनल 17 रजिस्टर भी बरामद हुए थे तो वही जमीन से जुड़े 11 ट्रंक में भी दस्तावेज थे.
ईडी ने कोर्ट को दी कई अहम जानकारी
ईडी ने अपने पिटिशन में स्पष्ट तौर पर कहा है की कई जमीन से संबंधित कागजात भानू के द्वारा फर्जी तौर पर तैयार किए जा रहे थे. ईडी ने अदालत को बताया है कि बड़गाईं अंचल की जिस साढ़े 8 एकड़ जमीन के तार हेमंत सोरेन से जुड़े मिले है उस जमीन पर हेमंत सोरेन खुद दौरा करते थे. इसका सत्यापन ईडी की टीम ने खुद जाकर स्पॉट पर किया है. भानू को लेकर ईडी की टीम संबंधित जमीन पर पिछले दिनों गई थी और उस स्थान पर कई अहम जानकारियां स्थानीय लोगो से भी ईडी को मिली है.
चैट में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खुलासा
वहीं ईडी ने बिनोद सिंह के मोबाइल से मिले व्हाट्सएप चैट से कई अहम जानकारियां मिलने की बात ईडी ने कही है, जिसमे न सिर्फ सरकारी दस्तावेजो का हस्तांतरण बल्कि ट्रांसफर पोस्टिंग जैसी बातों का भी जिक्र है. वहीं ईडी ने ये भी बताया है हेमंत सोरेन ने अपना मोबाइल अबतक ईडी के समक्ष प्रस्तुत नही किया है और इसके पीछे जो कारण बताया है वो भी अजीब है. वही ईडी ने अदालत से कहा है कि हेमंत सोरेन ईडी को कॉपरेट नहीं कर रहे हैं.