मलूक नागर, यूपी के बिजनौर संसदीय सीट से लोकसभा सदस्य के बारे में भले ही अब तक देश के लोग ज्यादा नहीं जानते होगे, लेकिन बुधवार को संसद में हुई एक घटना के बाद उनका नाम भी सुर्खियों में आ गया. ऐसा नहीं है कि मलूक नागर ने संकट सिर पर देखकर अपनी हिम्मत जगाई है, बल्कि जीवटता उनके अंदर पहले से ही भरी हुई है. नागर ने यूपी में बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा से लगातार दो बार चुनाव हारने के बाद 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था.
मलूक नागर को मायावती की बसपा ने 2009 और 2014 में मेरठ व बिजनौर से चुनाव लड़ाया, लेकिन वह हार गए. इसके बाद भी न तो पार्टी का भरोसा उन पर कम हुआ और न ही मलूक का यकीन खुद पर घटा. उन्होंने लगातार तीसरी बार मैदान में जाते हुए बाजी मारी और यूपी में हाशिये पर पहुंची बसपा के लिए बड़ी जीत दर्ज की. मलूक का नाम यूपी के सबसे अमीर सांसदों में शुमार है.
लाख वोटों के अंतर से हारने के बाद वापसी
मलूक नागर के अंदर जीतने की जिद और मुश्किलों से जूझने का जज्बा शुरू से था. वह साल 2014 में बतौर बसपा प्रत्याशी बिजनौर संसदीय सीट से लड़े और 1 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए. इसके बाद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बसपा और सपा ने संयुक्त रूप से प्रत्याशी बनाया. दो पार्टियों की उम्मीदों का भार होने के बावजूद मलूक ने तीसरी बार में बड़े मार्जिन से जीत हासिल की.
हापुड़ में पैदा हुए बिजनेसमैन नागर
मलूक नागर यूपी के एक जानेमाने बिजनेसमैन हैं. उनका जन्म हापुड़ जिले के शकरपुर गांव में 3 जुलाई, 1964 में हुआ था. पिता रामेश्वर दयाल नागर और माता शांति नागर को इस बात की काफी खुशी थी, उनका बेटा पढ़ाई-लिखाई में अव्वल है. नागर ने 1980 में एचएनएस कॉलेज उपेरा से हाईस्कूल पास किया तो एएस इंटर कॉलेज, मेरठ से 12वीं पूरी की. साल 1985 में हापुड़ के एसएसवी डिग्री कॉलेज से विज्ञान में स्नातक यानी बीएससी करने के बाद उन्होंने बिजनेस का मन बनाया.
यूपी के अमीर सांसदों में शुमार
मलूक उत्तर प्रदेश के बड़े कारोबारी हैं और उनका नाम राज्य के अमीर सांसदों की सूची में शामिल है. 2019 लोकसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार, नागर की कुल संपत्ति करीब 250 करोड़ रुपये है. उनके पास 115 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है, जिसमें प्रॉपर्टी और कृषि भूमि आती है. मलूक पर बैंकों का मोटा कर्ज भी है, क्योंकि बैंकोंने पिछले दिनों 101.61 करोड़ रुपये का बकाया है. एसबीआई ने उनके और भाई के खिलाफ 54 करोड़ रुपये वसूली का नोटिस जारी किया था, जिसके बाद नागर के कुछ ठिकानों पर आयकर छापे भी पड़े थे.