कांग्रेस का आरोप, ‘रायतु बंधु’ की किस्त पर रोक के लिए बीआरएस जिम्मेदार, कहा- तेलंगाना के किसान माफ नहीं करेंगे

कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के गैर-जिम्मेदाराना और संकीर्ण दृष्टिकोण के कारण निर्वाचन आयोग ने ‘रायतु बंधु’ योजना की किस्तों के वितरण की अनुमति देने से इनकार कर दिया. कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने यह आरोप भी लगाया कि बीआरएस ने यह एक और ‘पाप’ किया है जिसे तेलंगाना के किसान कभी माफ नहीं करेंगे.

निर्वाचन आयोग ने सोमवार को ‘रायतु बंधु’ योजना के तहत रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की किस्त बांटने के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अनुमति वापस ले ली. आयोग ने राज्य के वित्त मंत्री टी. हरीश राव द्वारा इसे लेकर सार्वजनिक घोषणा करने के बाद यह फैसला किया क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन है.

वेणुगोपाल ने बीआरएस को घेरा
वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘बीआरएस और हरीश राव के गैर-जिम्मेदाराना और संकीर्ण स्वार्थी दृष्टिकोण के कारण चुनाव आयोग ने रायतु बंधु किस्तों के वितरण की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘यह पैसा किसानों का हक है. उन्होंने साल भर कड़ी मेहनत की है. यह पैसा अक्टूबर और जनवरी के बीच किसी भी समय जारी किया जाना चाहिए था, यह बीआरएस की हताशा ही थी जिसने उन्हें गैर-जिम्मेदाराना बयान देने के लिए मजबूर किया.’ उन्होंने दावा किया कि यह बीआरएस द्वारा किया गया एक और ‘पाप’ है, जिसे तेलंगाना के किसान माफ नहीं करेंगे.

क्या बोले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘चुनाव आयोग ने वित्त और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हरीश राव को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का जिम्मेदार माना है. तेलंगाना पर शासन करने वाले ‘गैंग ऑफ 4’ के अलावा किसी और को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, जिन्होंने सत्ता पर बने रहने की अपनी हताशा में किसानों को बकाया राशि देने से इनकार कर दिया है.’’

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