जावेद अख्तर ने पहले साफ किया इनकार, रातभर में बदला मन, फिर उठाई कलम और डेढ़ घंटे में लिख डाला पूरा गाना

17 दिसंबर 2004 को फिल्म ‘स्वदेस’ रिलीज हुई थी. जबरदस्त स्टोरीलाइन, बेहतरीन निर्देशन और शानदार अभिनय से सजी ये फिल्म दर्शकों का दिल जीतने में सफल नहीं रही थी. कमाई की बात करें तो, ये फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर बुरी तरह ढेर हो गई थी, लेकिन ‘स्वदेस’ आज भी बॉलीवुड की बेहतरीन और आइकॉनिक फिल्मों में शामिल है. इस फिल्म को क्रिटिक्स द्वारा खूब सराहा गया था और धीरे-धीरे फिल्म को दर्शकों की सराहना भी मिली. ये फिल्म कमाई भले ही न कर पाई हो, लेकिन आज 19 साल बाद भी जब अच्छे कंटेंट की फिल्मों की बात होती है तो, ‘स्वदेस’ का नाम अवश्य लिया जाता है.

शाहरुख खान स्टारर इस फिल्म से नई-नवेली एक्ट्रेस गायत्री जोशी ने फिल्मों में कदम रखा था. इस फिल्म में शाहरुख खान और गायत्री जोशी के अभिनय ने खूब वाहवाही बटोरी थी. ये एक्ट्रेस पहली ही फिल्म से क्रिटिक्स को इम्प्रेस करने में सफल रही थीं. अब अगर फिल्म की बात करें, तो इसके गाने आज भी सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं. फिल्म का गाना ‘पल पल है भारी’ सबसे लोकप्रिय गानों में से एक है.

गाने ‘पल पल है भारी’ के बोल दिग्गज गीतकार और लेखक जावेद अख्तर द्वारा लिखे गए थे. इस गाने को मधुश्री, विजय प्रकाश और डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने आवाज दी थी. रामायण और सीता हरण पर आधारित इस गाने को लीड एक्ट्रेस गायत्री जोशी पर फिल्माया गया था. ये गाना सुनते ही किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं, लेकिन इस गाने को बनाने की कहानी बड़ी दिलचस्प है.

अचानक की सिफारिश
जावेद अख्तर ने आजतक संग बातचीत के दौरान बताया कि एक दिन उनके पास अचानक ‘स्वदेस’ डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर का मैसेज आया. उन्होंने लिखा था कि मैं वाय नाम की जगह पर हूं और शाहरुख के साथ शूटिंग कर रहा हूं. आप यहां आ जाइए. मुझे आपकी जरूरत है. इस मैसेज के बाद जावेद अख्तर अगले ही दिन डायरेक्टर साहब से मिलने चले गए.

अगले दिन थी शूटिंग
जब वह वहां पहुंचे तो आशुतोष गोवारिकर ने उन्हें बताया, ‘एआर रहमान कल इंग्लैंड जा रहे हैं और वह 3 महीने तक वहीं रहेंगे. मेरी फिल्म का एक गाना पहले वह लिखने वाले थे, लेकिन अब नहीं कर पाएंगे. मुझे वो गाना जल्दी में शूट करना है.  मैंने एक कमरे को शूटिंग स्टूडियो में बदल दिया है और कल सब कोई शूटिंग के लिए आजाएगा. अब आप जल्दी से गाना लिख दीजिए’.

जावेद अख्तर ने कर दिया था साफ इनकार
ये सब सुनकर जावेद अख्तर ने सोचा कि वह अगले दिन शाम तक तो गाना लिख ही देंगे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि ये गाना सीता हरण और राम और रावण को लेकर लिखना है तो उन्होंने तुरंत मना कर दिया. उन्होंने आशुतोष गोवारिकर से कहा कि अगर वह उन्हें पहले बताते तो वह अपने साथ कुछ किताबें ले आते, लेकिन अब वह ऐसे नहीं लिख पाएंगे.

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