संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने चेतावनी दी कि हजारों और नागरिकों के मरने की संभावना है क्योंकि इज़रायल ने गाजा में जमीनी अभियान जारी रखा है. उन्होंने कहा, “जिस तरह से अब तक सैन्य अभियान चलाए गए हैं, उसे देखते हुए 56 साल पुराने कब्जे के संदर्भ में, मैं गाजा में बड़े पैमाने पर जमीनी अभियानों के संभावित विनाशकारी परिणामों और हजारों नागरिकों के मारे जाने की संभावना के बारे में चेतावनी दे रहा हूं.”
इज़रायल ने पैदल सेना और बख्तरबंद वाहनों के साथ गाजा में अपने जमीनी अभियान का विस्तार किया है, जिसमें हमास सुरंगों पर बमबारी सहित हवा और समुद्र से बड़े पैमाने पर हमले शामिल हैं. बमबारी ने गाजा में अधिकांश संचार व्यवस्था को भी ठप्प कर दिया और घिरे हुए इलाके के 23 लाख लोगों को दुनिया से अलग-थलग कर दिया है.
इजरायल की सेना ने कहा कि वह क्षेत्र में जमीनी अभियान ‘व्यापक’ कर रही है. सेना की यह घोषणा इस बात का संकेत देती है कि वह गाजा पर संपूर्ण आक्रमण के नजदीक पहुंच रही है. उसने गाजा में हमास आतंकियों का पूरी तरह से सफाया करने का प्रण लिया है.
इजरायल के हवाई हमलों के कारण हुए विस्फोट से गाजा सिटी के आसमान में लगतार चमक दिखाई देती रही. फिलिस्तीन के टेलीकॉम प्रदाता ‘पालटेल’ ने कहा कि बमबारी के कारण इंटरनेट, सेल्युलर और लैंडलाइन सेवाएं ‘पूर्ण रूप से बाधित’ हो गईं हैं.
संचार ठप होने का मतलब यह है कि हमले में लोगों के मारे जाने और जमीनी कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाएगी. हालांकि, क्षेत्र में कुछ सैटेलाइट फोन काम कर रहे हैं. गाजा एक सप्ताह से बिजली नहीं होने से अंधेरे में डूबा हुआ है. फिलिस्तीन के लोग भोजन और पेयजल की समस्या से भी जूझ रहे हैं.
गाजा के लोग उस वक्त दशहत में आ गए, जब मैसेजिंग ऐप अचानक बंद होने के कारण परिवारों के साथ उनका संपर्क कट गया और कॉल आने बंद हो गए. कब्जे वाले क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक लिन हेस्टिंग्स ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि फोन और इंटरनेट सेवा के बिना अस्पताल और सहायता अभियान संचालित नहीं हो सकेंगे.