रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शस्त्र पूजन किया और एक अग्रिम सैन्य स्थल पर सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाया. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक समीक्षा की और अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के साथ सीमा की रक्षा करने के लिए सैनिकों की सराहना की.
बुम-ला और कई अन्य अग्रिम चौकियों का दौरा करने के बाद सैनिकों के साथ बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर सैनिकों के साथ दशहरा ऐसे समय में मनाया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है.
तवांग युद्ध स्मारक भी गए राजनाथ
रक्षा मंत्री तवांग युद्ध स्मारक भी गए, जहां उन्होंने चीन के साथ 1962 के युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित की. तवांग बौद्ध धर्म का केंद्र है और महत्वपूर्ण रणनीतिक महत्व वाला प्रमुख क्षेत्र है. भारत पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में सैन्य बुनियादी ढांचे को बढ़ा रहा है. पिछले साल नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी.
सैनिकों से कहा, देश को आप पर गर्व है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश के सैन्य कौशल को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘आप कठिन परिस्थितियों में जिस तरह से सीमा की रक्षा कर रहे हैं, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि देश के लोगों को आप पर गर्व है.’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कठिन परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा करते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि राष्ट्र और उसके लोग सुरक्षित हैं, सैनिकों के प्रति उनकी ‘दृढ़ भावना, अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस’ के लिए आभार व्यक्त किया.