Opinion: ऐतिहासिक रहा संसद में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण

संसद के विशेष सत्र में पुराने संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण एक स्टेट्समैन की तरह ऐतिहासिक रहा. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी बानगी सत्र के शुरू होने के पहले मीडिया से बात करते हुए दे दी थी. जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि यह सत्र भले ही छोटा है, लेकिन महत्वपूर्ण होगा.

पीएम नरेंद्र मोदी ने पुरानी लोकसभा में अपने अंतिम भाषण में एक परिपक्व राजनेता की तरह खुले मन से सबकी तारीफ की. लगभग 52 मिनट के अपने भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भी तारीफ की और उनके कामकाज को सराहा. इसके साथ ही साथ उन्होंने आर्थिक सुधार के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की भी तारीफ की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल सरकार के अटल इरादों का भी यशोगान करने में कोई कमी नहीं रखी.

अपनी सरकार की भी तारीफ की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दिए भाषण में अपनी सरकार की भी तारीफ करने में कोई हिचक नहीं दिखाई. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दशकों से लंबित मुद्दों को हल करने का साहस उनकी सरकार ने दिखाया और इसका साक्षी यह सदन भी रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 और ट्रिपल तलाक को लेकर पुराने कानून को खत्म करने, वन रैंक वन पेंशन, आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए आरक्षण आदि से संबंधित वर्तमान सरकार के फैसले की चर्चा कर रहे थे. पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर संदेश दिया कि उनकी सरकार की मंशा सबका साथ और सब का विकास है. पीएम नरेंद्र मोदी के अपने संबोधन में G20 की मेजबानी और कोरोनाकाल में सरकार के कामकाज की चर्चा की.

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