इधर इमरान जेल में बंद, उधर पाकिस्तान की संसद हो गई भंग, जानें कब होंगे चुनाव? पाक में हलचल की 10 बड़ी बातें

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद के निचले सदन ‘नेशनल असेंबली’ को 5 साल का कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले ही भंग करने की सिफारिश की, जिसपर बीते बुधवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने हस्ताक्षर कर दिए. पाकिस्तान का नेशनल असेंबली भारत की संसद के निचली सदन लोकसभा की तरह है. नेशनल एसेंबली भंग होने से पाकिस्तान में 90 दिन में चुनाव कराना होगा. अगर नेशनल असेंबली अपना कार्यकाल पूरा करती तो 60 दिन के अंदर चुनाव कराना होता.

नेशनल एसेंबली भंग होने के बाद पाकिस्तान के नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना जाएगा. कार्यवाहक पीएम सत्तापक्ष और विपक्ष की सहमति से होगा और ऐसी स्थिति नहीं बनती है तो पाकिस्तान का चुनाव आयोग प्रस्तावित नामों से कार्यवाहक पीएम चुनेगा.

बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्यों की संख्या 342 है, लेकिन इनमें सिर्फ 272 सदस्य ही प्रत्यक्ष मतदान के जरिए चुने जाते हैं. बाकी 70 उम्मीदवारों के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव होता है. 70 सीटों में 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं तो 10 सीटें पाकिस्‍तान के पारंपरिक और धार्मिक अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लिए आरक्षित होती हैं. इनका चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व नियम के तहत होता है.
पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा था कि आम चुनाव 2024 के जनवरी या फ़रवरी से पहले संभव नही है. कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा है की 2023 डिजिटल जनगणना के मुताबिक आम चुनाव 2024 के जनवरी या फरवरी से पहले संभव नहीं है.
दरअसल, नई जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान का चुनाव आयोग सीटों का परिसीमन करेगा, जिसके बाद ही चुनाव की संभावना कानून मंत्री ने जाहिर की थी. हालांकि परिसीमन से सीटों की संख्या में बदलाव नही होगा. पाकिस्तान में अगले साल ही आम चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार देर रात राष्ट्रपति अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने के लिए एक पत्र भेजा था, जिससे कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति का प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो सके. इसके बाद राष्ट्रपति अल्वी के पास दो विकल्प बचे थे. वे या तो नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी कर सकते थे या इसमें 48 घंटे की देरी कर सकते थे. हालांकि उन्होंने इसमें से पहला विकल्प चुना और नेशनल असेंबसी को भंग करने का आदेश जारी कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल असेंबली समय से पहले भंग होने की सूरत में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग 90 दिनों के भीतर चुनाव कराएगा. यदि नेशनल असेंबली ने अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा कर लिया होता, तो चुनाव 60 दिनों के भीतर कराए जाते. इस चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 5 साल तक इलेक्शन लड़ने के लिए बैन कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की इस सिफारिश के साथ ही पाकिस्तान में कार्यवाहक सरकार के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. दरअसल, पाकिस्तान में नियम है कि चुनाव तटस्थ सरकार के जरिए कराए जाते हैं. इसलिए नेशनल असेंबली के पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद नए सिरे से कार्यवाहक सरकार चुनी जाती है.
निचले सदन के भंग होने के साथ ही मौजूदा सरकार का कार्यकाल भी समय से पहले खत्म हो जाएगा. संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा जावेद अब्बासी ने एक बयान में कहा कि निर्वाचित सरकार ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है और उनके मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत संसद को भंग करने का संक्षिप्त विवरण प्रधानमंत्री को भेज दिया था.
संसद के निचले सदन में विदाई सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को धन्यवाद दिया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपने 16 महीने के शासन के दौरान पिछले शासन की लापरवाही और विफलताओं का बोझ उठाना पड़ा.
शहबाज शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार को बाढ़ और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘पिछले सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ हस्ताक्षरित समझौते का उल्लंघन करके पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया था.’
अपने भाषण में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिलावल भुट्टो की तारीफ की और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को फटकार लगाया. उन्होंने कहा कि पीटीआई सरकार ने मित्र देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को नुकसान पहुंचाया है.
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