स्विट्जरलैंड में मिले जरदारी और शरीफ, इधर जेल भेजे गए इमरान खान! क्या पहले ही हो चुकी थी प्लानिंग? सजा की टाइमिंग से उठे सवाल

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी और सजा के समय ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. पाकिस्तान की एक अदालत ने तोशाखाना मामले (Toshakhana Case) में इमरान खान को तीन साल जेल और 1 लाख रुपए जुर्माना अदायगी की सजा सुनाई. सजा का ऐलान होने के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इमरान खान को जमां पार्क स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया. इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने भी इमरान खान को आगामी चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया, जो 9 अगस्त से 90 दिनों के भीतर संपन्न होना है.

इस पूरे घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने हाल ही में कार्यवाहक सरकार द्वारा सत्ता की बागडोर संभालने की तारीख की घोषणा की है. कार्यवाहक सरकार के सत्ता में आने के 90 दिन बाद देश में आम चुनाव होंगे. शरीफ ने अपने बड़े भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को संभावित उम्मीदवारों के नाम के साथ एक सूची भी भेजी है. यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि नवाज शरीफ हफ्तों पहले इटली में थे. लगभग उसी समय, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पेरिस में थे. घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बताया कि जरदारी और नवाज ने स्विट्जरलैंड में मीटिंग की थी.

उठ रहे हैं कई सवाल
ये सवाल भी हैं कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार कर 60 दिनों के भीतर ही आम चुनाव संपन्न कराने की योजना है. जरदारी इस सप्ताह की शुरुआत में इस्लामाबाद लौटे थे. ऊपर उल्लिखित लोगों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि तोशखाना मामले में अदालत का निर्णय शनिवार के सत्र के दौरान आया था और आदेश लिखे जाने से पहले इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया था. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केवल 24 घंटे पहले इमरान खान को अस्थायी राहत दी थी, लेकिन शनिवार को न्यायाधीश द्वारा मामले में फैसला सुनाए जाने के 15 मिनट के भीतर पीटीआई प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया गया.

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नई जनगणना और आगामी चुनावों की संभावित तारीख पर चर्चा के लिए शनिवार को काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट की बैठक बुलाई थी. बैठक में चार प्रांतों के मुख्यमंत्री और संघीय मंत्री शामिल हुए. चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब पीटीआई के 10,000 से अधिक कार्यकर्ता 9 मई की हिंसा में अपनी कथित भूमिका के कारण देश भर की जेलों में बंद हैं. गौरतलब है कि एक अलग मामले में नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) द्वारा इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पीटीआई कार्यकताओं और पाकिस्तान पुलिस के बीच 9 मई को देश के कई शहरों में झड़पें हुईं.

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