‘मणिपुर में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त’, DGP को तलब कर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार

मणिपुर की स्थिति से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वहां पर कानून-व्यवस्था एवं संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. शीर्ष अदालत ने जातीय हिंसा की घटनाओं और खासतौर पर महिलाओं को निशाना बनाने वाले अपराधों की ‘धीमी’ और ‘बहुत ही लचर’ जांच के लिये राज्य पुलिस की खिंचाई की और सात अगस्त को सवालों का जवाब देने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पेश होने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अनियंत्रित जातीय हिंसा को लेकर कानून लागू करने वाले तंत्र की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य पुलिस ने कानून और व्यवस्था की स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण खो दिया है. अदालत ने राज्य सरकार से हत्या, बलात्कार, आगजनी, लूट, घर और संपत्ति, पूजा स्थलों को नुकसान और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले मामलों के बारे में विस्‍तृत जानकारी मांगी.

केंद्र का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्‍य न्‍यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ से आग्रह किया कि भीड़ द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो से संबंधित दो एफआईआर के बजाय 6,523 एफआईआर में महिलाओं और बच्चों से हिंसा से संबंधित सभी 11 मामलों को सीबीआई को सौंपा जा सकता है और मुकदमे की सुनवाई मणिपुर के बाहर कराई जा सकती है.

समिति गठित कर सकता है सुप्रीम कोर्ट
मणिपुर में हिंसा को लेकर दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि वह सभी प्राथमिकियों की जांच और उसके बाद की सुनवाई की निगरानी के लिए हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने पर विचार कर रही है, क्योंकि सीबीआई के लिए इन्हें अकेले संभालना मुश्किल होगा. इस पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.

6,523 FIR अपराध की प्रकृति के आधार पर अलग नहीं की गई
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘फिलहाल अदालत के समक्ष जो जानकारी दी गई है वह अपर्याप्त है, क्योंकि 6,523 एफआईआर को अपराधों की प्रकृति के आधार पर अलग-अलग नहीं किया गया है. राज्य को इन्हें अलग-अलग सूचीबद्ध करने की कवायद करनी चाहिए और अदालत को सूचित करना चाहिए कि कितने मामले हत्या, बलात्कार, आगजनी, लूटपाट, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, महिला की गरिमा को भंग करने, धार्मिक स्थलों को क्षतिग्रस्त करने से जुड़े हैं.’’

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