महाराष्ट्र की राजनीति पूरी तरह से गरमाई हुई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार गुट के 9 विधायकों के शिंदे गुट की सरकार में शामिल होने के बाद सियासत परवान पर है. अजित पवार (Ajit Pawar) को डिप्टी सीएम बनाये जाने और बाकी 8 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद अब उनके विभागों के बंटवारे को लेकर मंथन चल रहा है.
बीती रात सोमवार को भी करीब डेढ़ घंटे तक नए मंत्रियों को पोर्टफोलियो आवंटित करने को लेकर गहन चिंतन-मंथन किया गया. मुंबई स्थित सीएम आवास वर्षा बंगले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच इस सबको लेकर काफी मंथन किया गया. लेकिन अभी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. लेकिन चर्चा यह है कि अजित पवार को राजस्व विभाग की जिम्मेदारी दिए जाने की प्रबल संभावना है.
राजनीतिक सूत्रों का मानना है कि सीएम शिंदे के साथ डिप्टी सीएम फडणवीस व पवार के बीच सभी नए मंत्रियों को पोर्टफोलियो देने को लेकर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है. नए मंत्रियों को पोर्टफोलियो देने के लिए मंथन किया जा रहा है और आम राय बनाने की कोशिश की जा रही है. सूत्र बताते हैं कि महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लगातार सस्पेंस बरकरार है और शिंदे गुट के कई नेता इससे नाराज भी चल रहे हैं. सोमवार रात को करीब डेढ़ घंटे तक चली लंबी बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया है.
सूत्र बताते हैं कि अजित पवार को खुद राजस्व विभाग मिलने की संभावना है. वहीं कैबिनेट में शामिल सभी बागी 9 विधायकों को अगले दो दिनों में पोर्टफोलियों का आवंटन किया जा सकता है. अगले दो दिनों के भीतर कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है. बताया जाता है कि संजय शिरसाट और भरत गोगावले समेत 10 नए मंत्रियों को शिंदे कैबिनेट में जगह मिलने की प्रबल संभावना जताई जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि सीएम शिंदे के साथ बैठक में कुछ विधायकों ने कहा कि मंत्रिमंडल में नए विधायकों को शामिल करते समय जाति समीकरण को ध्यान में रखा जाना चाहिए. कई विधायकों ने यह भी राय रखी थी कि उदय सामंत, दादा भुसे, संजय राठौड़, शंभूराज देसाई, अब्दुल सत्तार और दीपक केसरकर जैसे नेताओं को 2014, 2019 और 2022 में कैबिनेट मंत्री या राज्य मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी. इसलिए इस बार नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया जाना चाहिए और वरिष्ठ मंत्रियों के विभाग नए चेहरों को दिए जाने चाहिए.
पार्टी पर कब्जे को लेकर समर्थन जुटाने को मैदान में उतरे शरद 
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  के संस्थापक शरद पवार  ने अपने भतीजे अजित पवार के साथ पार्टी पर कब्जे को लेकर जारी संघर्ष के बीच समर्थन जुटाने की कोशिश में शनिवार से राज्यव्यापी दौरा भी शुरू कर दिया है. यह दौरा अजित पवार की बगावत के बाद पार्टी में बंटवारा होने, खुद को एनसीपी अध्यक्ष घोषित करने और महाराष्ट्र में शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के एक हफ्ते बाद शुरू हुआ है.
बताते चलें कि शरद पवार ने अपने दौरे की शुरुआत नासिक जिले के येओला से की जोकि बागी एनसीपी नेता छगन भुजबल का निर्वाचन क्षेत्र है और उन्होंने उन्हें विधायक बनाने के लिए लोगों से माफी मांगी है. शरद पवार ने कहा कि अगर बागी नेता अपने फैसले पर फिर से विचार करते हैं और उनके पास लौटना चाहते हैं, तो उन्हें कोई समस्या नहीं है.