छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में से है जहां वनोपज का भंडार है। यहां तरह-तरह के औषधीय पौधों की प्रजातियां पाई जाती है। बीते तीन सालों में यहां उत्पादित हर्बल्स (औषधि) का कारोबार तेजी से बढ़ा है और यहां के उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में वनोपज की बड़ी तादाद में पैदावार होती है, इसके जरिए यहां की बड़ी आबादी की जिंदगी का पहिया तेजी से चलता है। यहां औषधीय पौधों के संग्रहण और प्रसंस्करण का काम विशेष तौर से वनवासी करते हैं। वहीं वन क्षेत्रों में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा भी हर्बल उत्पादों को तैयार किया जा रहा है।
राज्य शासन ने हर्बल उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड नेम दिया और इन उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीति भी बनाई गई है।
प्रदेश के सभी जिलों में 30 संजीवनी केंद्र प्रारंभ किए गए, जहां से छत्तीसगढ़ में उत्पादित और निर्मित हर्बल उत्पादों की बिक्री की जा रही है। इसके अलावा जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स में भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स की बिक्री सुनिश्चित की गई है।
छत्तीसगढ़ हर्बल्स न सिर्फ संजीवनी केन्द्रों तक सीमित है, बल्कि देश के दूसरे राज्यों से लेकर अंतर्राज्यीय स्तर पर आयोजित होने वाले अनेक फेस्टिवल्स में भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स की मौजूदगी देखने को मिल रही है।
छत्तीसगढ़ हर्बल्स ने दुबई में अंतर्राष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल इंडस फूड इवेंट, दिल्ली में ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, छत्तीसगढ़ दिवाली हाट मेला, राज्योत्सव और मॉल में प्रदर्शनियों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टॉल लगे। इसके अलावा भी कई सरकारी और निजी संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टॉल शामिल होते हैं।
एक ओर जहां सरकारी प्रयासों से स्थानीय बाजार समेत देश-दुनिया के दूसरे कोनों तक पहुंच रहे छत्तीसगढ़ के हर्बल्स रिकार्ड कायम करने की ओर है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ अब हर्बल स्टेट बनने की ओर भी कदम बढ़ा रहा है।
राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के माध्यम से 150 से अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन किया जा रहा है, बाजार में उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है। यही कारण है कि यहां के हर्बल उत्पादों की बिक्री में इजाफा हुआ है।
गौरतलब है कि राज्य में वित्तीय वर्ष 2019-20 में जहां सवा करोड़ (1.25 करोड़) रुपए मूल्य के हर्बल उत्पादों का व्यापार छत्तीसगढ़ ने किया था। वहीं वर्ष 2020-21 में दो करोड़ 15 लाख रुपए का और चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के सिर्फ 9 महीने में ही 4 करोड़ 34 लाख रुपए मूल्य के हर्बल उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बिक्री हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ हर्बल्स की बिक्री बढ़ाने में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म का भी योगदान अहम रहा है। ऑनलाइन सेल्स व शॉपिंग प्लेटफार्म के माध्यम से देश के अन्य राज्यों के साथ विदेशों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं। छत्तीसगढ़ हर्बल्स में अनाज, मसाले, कुकीज, पर्सनल केयर आइटम आदि जैसी नई उत्पाद श्रृंखला के जुड़ने से ग्राहकों को खरीदारी करने के लिए व्यापक रेंज मिली।