राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती संख्या के बीच अपने कर्मचारियों को कोविड-19 की तीसरी लहर से लड़ने के लिए तैयार रहने के निर्देश जारी किए हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गलेरिया ने अधिकारियों को अगले डेढ़ महीने तक अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।
इससे पहले हुई बैठक में 332 चयनित चिकित्सा संस्थानों में टेस्टिंग किट, ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंटेटर की उपलब्धता, एचडीयू बेड की उपलब्धता समेत अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
गैलेरिया ने अधिकारियों को दवा किट, एन 95 मास्क, रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य जीवन रक्षक दवाओं का स्टॉक रखने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि राज्य में 460 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर चुके हैं और राज्य में ऑक्सीजन कंसंटेटर और अन्य उपकरणों के माध्यम से 1,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा, फिलहाल रोजाना 58,000 से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं। आने वाले समय में टेस्टिंग एक लाख प्रतिदिन तक जा सकती है।
उन्होंने अधिकारियों को परीक्षण किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
गैलेरिया ने अधिकारियों को अस्पतालों में लगे वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों का मॉक ड्रिल करने को कहा ताकि जरूरत पड़ने पर उनका तुरंत इस्तेमाल किया जा सके।
उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट, आईसीयू और वेंटिलेटर का संचालन करने वाले कर्मियों के प्रशिक्षण में तेजी लाने का भी आह्वान किया।
गुरुवार को, जयपुर में 1,439 लोगों ने सकारात्मक परीक्षण किया, जिससे शहर में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 4,445 हो गई। संक्रमण फैलने की दर को कम करने के लिए राज्य की राजधानी में पांच कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।