प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट भारत की आध्यात्मिक आत्मा का प्रतीक है।
नवनिर्मित काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज काशी विश्वनाथ के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। काशी विश्वनाथ धाम परिसर सिर्फ एक भव्य इमारत ही नहीं बल्कि भारत की संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। काशी बताती है कि कैसे प्राचीन काल की प्रेरणाएं भविष्य को दिशा दे रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी पुरातनता और नवीनता का एक सुंदर संगम है, जो एक साथ जीवंत हो उठता है। उन्होंने कहा कि भारत की पुरातनता, परंपराओं, ऊर्जा और गतिशीलता को प्रदर्शित करते हुए अतीत का गौरव फिर से जीवंत हो रहा है।
शास्त्रों का व्यापक रूप से हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने भोजपुरी में भी बात की और स्थानीय लोगों के साथ संपर्क स्थापित किया।
उन्होंने कहा, “काशी और गंगा सबकी हैं। आक्रमणकारियों ने इस शहर पर हमला किया, इसे नष्ट करने की कोशिश की। औरंगजेब के अत्याचारों का इतिहास, उसके आतंक ने तलवार से सभ्यता को बदलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से अलग है। अगर औरंगजेब यहां आ जाए तो शिवाजी खड़े हो जाते हैं। अगर कोई सालार मसूद यहां घूमता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की शक्ति का एहसास कराते हैं।”