ब्रुकिंग्स के ‘फ्यूचर डिवेलपमेंट’ ब्लॉग में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि हर मिनट 44 भारतीय अत्यंत गरीबी की श्रेणी से बाहर निकलते जा रहे हैं । जिसकी वजह से अब इंडिया का अत्यंत गरीब आबादी वाला तमगा अब नाइजीरिया के हिस्से चला गया है।
प्रति मिनट 44 भारतीय अत्यंत गरीब की श्रेणी से निकल रहे हैं, जो दुनिया में गरीबी घटने की सबसे तेज रफ्तार है कहा जा रहा है कि यदि इंडिया की ये रफ्तार ऐसे ही बरकरार रही तो वह इसी साल इस दिशा में एक कदम और नीचे आ जाएगा।
ब्रुकिंग्स के एक ब्लॉग में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अत्यंत गरीबी के दायरे में वह आबादी आती है जिसके पास जीवनयापन के लिए रोजाना 1.9 डॉलर (करीब 125 रुपये) भी नहीं होते। स्टडी कहती है कि 2022 तक 3 प्रतिशत से भी कम भारतीय गरीब रह जाएंगे जबकि 2030 तक देश से अत्यंत गरीबी का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा।
इसमें आगे कहा गया है कि दुनिया के जिन 18 देशों में अत्यंत गरीबी बढ़ रही है, उनमें 14 अफ्रीका में ही हैं। इस अध्ययन का आकलन है कि 1 सितंबर 2017 को कुल 64 करोड़ 70 लाख लोग भीषण गरीबी की चपेट में थे।