बिहार मंत्रिमंडल ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवाशर्त को मंजूरी दी, बढ़ा वेतन

पटना, – बिहार में इस साल होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने नियोजित शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है। मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में नियोजित शिक्षकों की नई सेवाशर्त नियमावली को मंजूरी मिल गई है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन ने कहा कि इसके अनुसार नियोजित शिक्षकों की अगले साल एक अप्रैल से 15 प्रतिशत की वेतन वृद्घि की जाएगी।
नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को अगले महीने एक सितंबर से इपीएफ का भी लाभ मिलेगा।

दिव्यांग और महिला शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को सेवा में एक बार दूसरे जिले में भी तबादला हो सकेगा। पुरुष शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्षों को दूसरे जिले में तबादले के लिए म्यूचुअल का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 28 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान से इसकी घोषणा की थी।

नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्घि और इपीएफ में पैसा जमा करने पर राज्य सरकार के खजाने पर प्रतिवर्ष 2765 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। इसमें 815 करोड़ इपीएफ के लिए और वेतन बढ़ोतरी के लिए 1,950 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि ईपीएफ का लाभ दिया जाना भी एक तरह से वेतन वृद्घि ही है। शिक्षकों की मृत्यु पर इसमें ढाई से छह लाख तक का राशि भी देने का प्रावधान है।

इसके अलावे बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के तहत बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नियुक्ति (संशोधन) नियमावली, 2020 की स्वीकृति तथा सामान्य प्रशासन विभाग के ही तहत बिहार न्यायिक सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2020 की भी स्वीकृति दी गई।

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